नई दिल्ली, (आवाज केसरी) । सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम आदेश में कहा है कि संशोधित हिंदू उत्तराधिकार कानून के तहत बेटों की तरह बेटियों का भी पैतृक संपत्ति में बराबर का अधिकार है। जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने यह भी कहा कि अगर कानून लागू होने से पहले ही पिता की मृत्यु हो गई हो तो भी बेटी को संपत्ति पर अधिकार मिलेगा।
मुख्य बिंदु
जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच का अहम फैसला
बेटियां भी पैतृक संपत्ति में बराबर की हिस्सेदार
सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में बेटियों को भी पिता या पैतृक संपत्ति में बराबर का हिस्सेदारा माना है। जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच के फैसले में साफ कहा गया है कि ये उत्तराधिकार कानून 2005 में संशोधन की व्याख्या है।
कोर्ट ने अपनी अहम टिप्पणी में कहा, बेटियां हमेशा बेटियां रहती हैं। बेटे तो बस विवाह तक ही बेटे रहते हैं। यानी 2005 में संशोधन किए जाने से पहले भी किसी पिता की मृत्यु हो गई हो तब भी बेटियों को पिता की संपत्ति में बेटे या बेटों के बराबर ही हिस्सा मिलेगा।
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जी नमस्कार -आपका धन्यवाद, वन्देमातरम |