पलवल,(आवाज केसरी)। पलवल के बलदेव गंज बाजार में हुए दुकानदारों और कुछ युवकों के बीच आपसी झगड़े का शांतिपूर्ण निपटारा हो गया है । झगड़े को निपटाने में पलवल भाजपा विधायक दीपक मंगला ने अहम भूमिका निभाई जिसके कारण गहराई से तूल पकड़े मामले का पटाक्षेप हो पाया है। उल्लेखनीय है कि सोमवार को गुस्साए दुकानदार हमले के विरोध में सुबह दुकानें बंद कर तमाम हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए थे। मामला इतना बढ़ गया कि मौके पर दुकानदारों को मनाने के लिए पुलिस प्रशासन को पूरे दिन काफी मशक्कत करनी पड़ी, लेकिन गुस्साए दुकानदार टस से मस नहीं हुए। धरने पर बैठे दुकानदारों का कई सामाजिक और व्यापारिक संगठनों ने समर्थन किया था। दुकानदारों की मांग थी कि बाजार में अवैध हथियार और डंडे और राड़ लेकर दुकानदारों से मारपीट करने व डराने धमकाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सभी अभियुक्तों को गिरफ़्तार किया जाए। मौके पर पहुंचे डीएसपी यशपाल खटाना व सिटी एस एच ओ के काफी समझाने के बाद भी दुकानदार इस जिद पर अडे रहे की पहले सभी मुजरिमों को गिरफ़्तार किया जाए तभी दुकानें खोली जाएंगी।
बता दें कि शनिवार को एक रिक्शा से एक बाइक की हल्की भिड़ंत हो गई थी। जिसके बाद बाइक सवार तीन युवकों ने किशोर उम्र के रिक्शा चालक के साथ मारपीट शुरू कर दी। वहां पर संजय व राकेश आदि दुकानदारों ने उन युवकों को समझाया तो वो उनसे भी उलझ पड़े तथा फ़ोन करके बाजार में मौके पर बीस-तीस असामाजिक तत्वों को बुलवा लिया। जिन्होंने दुकानदारों को बेलगाम होकर गालियाँ देनी और धमकियां देनी शुरू कर दी | यह तो इत्तफाक की बात थी की किसी अनहोनी को भांपते हुए संजय और राकेश अपनी-अपनी दुकानों को बंद करके बाजार से चले गये थे वरना अवैध हथियार,तलवार और लोहे की रॉड आदि लेकर पहुँचने वाले युवक कुछ भी कर सकते थे। बताया जा रहा है की रविवार को के दिन भी असामाजिक तत्व बाजार में मोटरसाइकिलों पर चक्कर लगाते रहे थे | जिससे एक तरफ दुकानदारों में रोष था तो किसी अनहोनी का डर भी था |
दुकानदारों का कहना था कि शनिवार को हुडा सेक्टर 2 चौकी में पुलिस को फ़ोन करके घटना की जानकारी दी गई, लेकिन वहां से कोई पुलिस कर्मी नहीं पहुंचा। जिसके रोष स्वरूप दुकानदारों ने दुकानें न खोलकर बाजार में धरना दिया और बाजार में हथियार आदि लेकर पहुंचे सभी असामाजिक तत्वों की गिरफ्तारी की मांग की | वहीँ दोपहर के बाद मामला जातीय तनाव का रूप लेने लगा और पक्ष और विपक्ष के कई नेता दोनो पक्षों में बट गए। शहर में तनाव बढ़ता देख पलवल के विधायक दीपक मंगला ने कमान संभाली और पहले व्यापारियों को समझाकर उनका धरना समाप्त कराया और बाद में देर रात दोनो पक्षों को अपने निवास स्थान पर बुलाकर कर राजीनामे के लिए सहमति बनाई जिसके चलते शहर में एक बड़ा विवाद होने से टल गया।
शहर की सामाजिक संस्थाओ और व्यापारी संगठनों ने विधायक दीपक मंगला के इस प्रयास की सराहना करते हुए राजीनामे को शहर के हित में बताया है। लोगो का कहना है कि जहां कई पक्ष और विपक्ष के नेताओ ने पूरे दिन अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने का काम किया था, वहीं विधायक द्वारा मामले में समझौता कराकर जातिवाद की आग को बुझाकर एक नए युग की शुरुआत की है । लेकिन यह समझौता अपने पीछे कई सवाल छोड़ गया है । एक सवाल यह है की जो युवक अपने हाथों में हथियार , तलवारें आदि लेकर दुकानदारों के साथ वारदात करने की नीयत से पहुंचे थे क्या उनके हथियार जब्त होंगे ? जिन असामाजिक तत्वों को विधायक ने माफ़ कराया है क्या वे अब फिर कभी कोई झगड़ा नहीं करेंगे ? विधायक के हस्तक्षेप के बाद क्या अब पलवल का बाजार सुरक्षित हो गया है ? सबसे बड़ा सवाल है कानून व्यवस्था तथा शासन व्यवस्था संचालन में जीरो टोलरेंस की नीति पर चलने का दावा करने वाली भाजपा सरकार के राज में क्या पुलिस प्रशाशन राजनेताओं की कुर्सी से बंधन से मुक्त है ?