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शराब पीकर चला रहे एम्बुलेंस : सूत्रों ने बताया दो वर्षों में तीन हुई कन्डम

दुर्घटनाओं के बाद कंडम हो चुकी कई एम्बुलेंसों में से एक

किसी भी जिले में दुर्घटना अथवा आपात स्थिति में एम्बुलेंस गाड़ियों और उनके चालकों की बड़ी भूमिका रहती है । लेकिन यहाँ एम्बुलेंस के चालकों की भर्ती में राजनैतिक दखल और खराब मैनेजमेंट के कारण पिछले दो वर्षों में तीन एम्बुलेंस गाड़ियां दुर्घटनाओं का शिकार होकर कन्डम होकर कबाड़े में डाली जा चुकी है। तथा आधा दर्जन गाड़ियां होने के बावजूद चालकों की कमी के चलते प्रयोग में नहीं ली जा पा रही है।  जिसके चलते मरीजों को समय पर एम्बुलेंस गाड़ियां नहीं मिल पाती है ।

   पलवल जिले में इस समय कुल 17 एम्बुलेंस बताई गई हैं । जिनमें से एक गाड़ी नंबर एचआर 73 ए 8593 पिछले माह 22 जुलाई की रात दुर्घटना ग्रस्त होकर पुलिस केस में थाने में जा खड़ी हुई है । सोलह गाड़ियों में से पाँच एम्बुलेंस पलवल जिला अस्पताल में हैं। बाकी जिले की पीएचसी तथा सी एच सी में भेजी गई हैं । गौरतलब है की जिले में दूधौला,औरंगाबाद ,हथीन तथा होडल सहित चार पी एचसी , तथा  अलावलपुर , हसनपुर , रशूलपुर , दीघोट , अल्लिका , मींड़कोला  गाँव सहित छ सीएचसी है जहां पर जन सेवा के लिए एम्बुलेंस गाड़ियां भिजवाई हुई हैं ।

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 इन सत्रह के अलावा तीन एम्बुलेंस गाड़ियां जिला स्वास्थ्य विभाग को एक समाजसेवी संदीप डागर ने भेंट की थी और एक गाड़ी जिला स्वास्थय विभाग को सीएसआर स्कीम के तहत एक निजी कंपनी के द्वारा भेंट में दी गई थी जिसका संभवतया अभी तक रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराया जा सका है । क्योंकि उसके ऊपर अभी परिवहन विभाग का रजिस्ट्रेशन नंबर भी नहीं लिखवाया जा सका है ।

जिला को मिली एम्बुलेंस जिसके ऊपर रजिस्ट्रेशननंबरभी नहीं है

एक और एम्बुलेंस एक और निजी कंपनी से सीएसआर स्कीम के तहत दान में मिली थी । इन सभी एम्बुलेंस गाड़ियों को चालकों की कमी के चलते जरूरत होने के बावजूद चलाया नहीं जा रहा है ।

समाजसेवी संदीप डागर द्वारा भेंट की गई एम्बुलेंस गाड़ियां चालकों के बिना खड़ी हुई हैं

  सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार  जिला अस्पताल में इस समय 20 चालकों तथा ई एम टी की कमी है। लेकिन राजनैतिक दखल के कारण नए चालकों की भर्ती नहीं की जा रही है । क्योंकि योग्यता को ताक पर रखकर राजनैतिक शिफ़ारिशों पर भर्ती किए गए चालक रेफरल सेवा कार्यालय मे बैठकर शराब पीते हैं और नशे में धुत्त होकर एम्बुलेंस चलाते हैं। जिसके कारण तीन एम्बुलेंस दुर्घटना की शिकार होकर कंडम हो चुकी हैं । सूत्रों का कहना है राजनैतिक अथवा सिफारिशी चालकों के ऊपर ऊपर मैनेजमेंट का अनुशासन काम नहीं करता है ।  जिसके कारण पिछले दो वर्षों में तीन एम्बुलेंस  दुर्घटना ग्रस्त होकर कबाड़ बन चुकी हैं । हमें मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में गत 22 जुलाई 2020 की रात को भी चालक के द्वारा शराब पी हुई थी जिसके नशे में चालक ने जाजरू मोड के पास किसी वाहन को टक्कर मार दी थी जिससे एक व्यक्ति को लगी गंभीर चोटों के कारण मौत भी हो गई थी ।जिसका मुकदमा फरीदाबाद के थाने में दर्ज किया गया था । हालांकि टक्कर के बाद एम्बुलेंस नंबर एचआर ए 8593 भी चलने लायक नहीं रही थी फिर भी फरीदाबाद पुलिस ने इस एम्बुलेंस को कब्जे में लिया जा चुका है । जबकि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से आनन-फानन ही इस एम्बुलेंस को मेन्टीनेंस के लिए वर्कशॉप में खड़ी करा दी गई थी वहीं से पुलिस ने उसे अपने कब्जे में लिया है ।

तीन घंटे तक तक एम्बुलेंस के इंतजार में खड़ी रही प्रसूता

एक तरफ जिला अस्पताल परिसर में खड़ी हुई एम्बुलेंस गाड़ियों को चलाया नहीं जा रहा है वहीं अस्पताल से डिलीवरी के बाद  जच्चा- बच्चा को उनके घरों तक छोड़कर आने में घंटों लग जाते हैं । बामनी खेड़ा गाँव निवासी संजू कुमारी को डिलीवरी के बाद अस्पताल से सुबह ग्यारह बजे डिस्चार्ज कर लिया गया था लेकिन उसे दो बजे तक अस्पताल की एमर्जेंसी के सामने तीन घंटे खड़े- खड़े बिताने पड़े । इस दौरान संजू कुमारी की सास की गोद में बच्चा रुदन करता रहा ।

   जिला अस्पताल में सिविल सर्जन डॉ ब्रहमदीप सिंह से इस संबंध में पूछा गया तो कहा हमारे यहाँ पर जो भी एम्बुलेंस हैं वे सभी चलाई जा रही है और चालकों की कोई कमी नहीं है । गौरतलब है की जिला अस्पताल में पाँच गाड़ियों में एक एम्बुलेंस एडवांस लाइफ सपोर्ट से लिए , दो एम्बुलेंस बेसिक लाइफ सपोर्ट के लिए तथा दो किलकारी एम्बुलेंस जच्चा-बच्चा को अस्पताल लाने और अस्पताल से घर अथवा आपात स्थिति में ले जाने के काम में ली जा रही हैं जो जिले की आबादी की दृष्टि से नाकाफ़ी हैं ।

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