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अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत शहर से लेकर गाँव तक फैलाएगी ग्राहक जागरूकता

पलवल,15 दिसंबर (बलराम) अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत की बैठक जवाहर नगर कैंप स्थित ढींगरा भवन में संपन्न हुई। जिसमें जागरूकता पखवाड़े का शुभारंभ किया गया। बैठक में ग्राहक जागरूकता अभियान को सफल बनाने के लिए जिले से लेकर तहसील स्तर तक पहुँचाने पर जोर दिया गया। बैठक में राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष प्रदीप बंसल और प्रदेश महामंत्री मुनेश शर्मा ने कार्यक्रम में उपस्थित उपभोक्ताओं को संबोधित किया।

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अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के राष्ट्रीय महामंत्री मुनेश शर्मा ने बताया कि ग्राहक अपने मामले खुद तय करा सके, इसलिए उसमें जागरूकता लानी है। समस्याओं के निराकरण के लिए उसे गाइड करना है। पंचायत का मतलब 5 लोग मिलकर किसी मामले का हल कर लें। हम सबको मिलकर किसी भी समस्या का हल उचित तरीके से करना है। उन्होंने अनुचित व्यापार को लेकर सूक्ति ‘ग्राहक रहेगा मौन तो तेरी सुनेगा कौन’ पर जोर दिया।

बैठक में संगठन ने ग्राहक पंचायत को हर स्तर तक मज़बूत करने पर जोर दिया। सदस्यता अभियान ना सिर्फ शहरों में बल्कि जिले से लेकर तहसील स्तर तक संगठित करने पर जोर दिया गया। बैठक में संगठन ने ना सिर्फ़ सदस्यता अभियान बढ़ाने पर ज़ोर दिया, बल्कि अधिक से
अधिक लोगों को जागरूक करने पर जोर दिया गया। जिला पलवल में सदस्यता अभियान बढ़ाने पर ज़ोर दिया गया।

उन्होंने कहा कि ग्राहक ही टैक्स देकर राज्य की व्यवस्थाएं चलता है अतः वह बेचारा नहीं बल्कि अर्थव्यवस्था का प्रमुख घटक हैं। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि डब्बा बंद वस्तुओं पर लिखी जाने वाली एम. आर. पी ग्राहकों को लूटने का माध्यम है। इसमें उत्पादक, व्यापारी और सरकार तीनों शामिल है। स्थिति यह है कि गेहूं, आटा, दालें और लगभग सभी सामान को पैक कर एम. आर. पी लिख कर बेचने की होड लगी है। इस दिशा में सरकार का न तो कोई कानून नियम है, ना ही कोई विभाग है जो इस बात को देखे कि डब्बा बंद वस्तुओं पर उचित एम. आर. पी लिखी जाए।

कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को बताया गया कि बाजार में खरीदारी करते समय दुकानदारों द्वारा की जाने वाली ठगी से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे:

बिल अवश्य लें

खरीदारी के बाद हमेशा पक्की रसीद (कैश मेमो) प्राप्त करें। यह किसी भी शिकायत के लिए सबूत का काम करती है।

एमआरपी पर ध्यान दें

उत्पाद पर लिखी अधिकतम खुदरा कीमत (एम.आर. पी) से अधिक न दें।

वजन और माप की जांच करें
सुनिश्चित

तोल और माप सही हों। दुकानदारों द्वारा धोखाधड़ी रोकने के लिए मान्यता प्राप्त माप-तौल उपकरणों का उपयोग किया जाना चाहिए।

गुणवत्ता की जांच करें

उत्पाद की गुणवत्ता और पैकिंग की तारीख को ध्यानपूर्वक पढ़ें। एक्सपायरी डेट वाले सामान न खरीदें।

ब्रांड और मानक चिह्न देखें

आई. एस. आई, एगमार्क या अन्य मानक चिह्न देखकर ही उत्पाद खरीदें।

डिस्काउंट और ऑफर्स की वास्तविकता जांचें

छूट और ऑफर्स की सत्यता पर संदेह होने पर पूरी जानकारी लें।
इस तरह की सावधानियों से उपभोक्ता ठगी से बच सकते हैं और अपने अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं।

इस अवसर पर राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष प्रदीप बंसल ने कहा कि जागरूकता फैलाना केवल कुछ लोगों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह सामूहिक प्रयास से ही संभव है। उन्होंने उपस्थित लोगों से अपील की कि वे न केवल स्वयं उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूक हों, बल्कि अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें।

उन्होंने कहा, “हम सभी का दायित्व है कि अपने आसपास के लोगों को उपभोक्ता अधिकारों के महत्व के बारे में जानकारी दें और अधिक से अधिक दक्ष और जागरूक व्यक्तियों को अपने साथ जोड़ें। जब अधिक लोग जागरूक होंगे, तभी दुकानदारों और व्यापारियों द्वारा ग्राहकों का शोषण रोका जा सकेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि उपभोक्ता संगठनों का उद्देश्य केवल शिकायतें दर्ज कराना नहीं है, बल्कि समाज को उपभोक्ता हितों के प्रति शिक्षित और सशक्त बनाना है। कार्यक्रम का उद्देश्य एक ऐसा मंच तैयार करना है, जहां लोग एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए आवाज उठा सकें। कार्यक्रम में सर्वश्री प्रदीप बंसल, मुनेश शर्मा, शिक्षाविद एवं अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत की महिला प्रदेश अध्यक्ष,प्रदेश उपाध्यक्ष गुरुदत्त गर्ग,अजय प्रताप सिंह खालसा, अशोक सरदाना, देशराज आर्य, ओमप्रकाश शास्त्री, वरिष्ठ शिक्षिका नीलम,आदि विषेश रूप से मौजूद रहे।


जागरूकता पखवाड़े का शुभारंभ करते हुए अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के सदस्यगण

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