पलवल (गुरुदत्त गर्ग)। भंगुरी रजवाहे को पक्का करने की सरकार की योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। जिससे रजवाहे का निर्माण कार्य पूरा होने से पहले ही इसमें लगाई गई पीली- कच्ची ईंटों के कारण उखड़ने लगा है। दुर्गापुर, रतीपुर,रजपुरा आदि आधा दर्जन गांवों के लोगों ने मीटिंग कर पानी की मांग करते हुए इसके निर्माण कार्य की जांच की मांग उठाई है। किसानों को पिछले तीन वर्ष से पानी नहीं मिलने के कारण किसान बर्बाद हो रहे हैं।

ब्रिटिश शाशन काल में आगरा कैनाल में से नहरी विभाग के द्वारा किठवाड़ी गांव के पास से पलवल जवाहर नगर कैम्प होते हुए रतीपुर, भंगुरी होते हुए अहरवां तक रजवाहा निकाला गया था जिसे भंगुरी रजवाहे के नाम से जाना जाता है। पिछले तीन वर्षों से इस रजवाहे में एक बूंद भी पानी नहीं जाने से आधा दर्जन से अधिक गांवों के किसान अपने खेतों की ठीक से सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। जिसके परिणाम स्वरूप पर्याप्त पानी नहीं मिलने के कारण फसलों का उत्पादन काफी कम हो गया है। जिससे किसान कारण बर्बाद हो रहे हैं। आधा दर्जन से अधिक गांवों के किसानों ने दुर्गापुर स्कूल में एक बैठक कर 3 जनवरी बुधवार को जिला सचिवालय जाकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन जिला उपयुक्त को सौंपने का फैसला किया है।

दुर्गापुर गांव में आयोजित किसानों की मीटिंग के पश्चात बताया कि करीब 2 साल से भंगुरी रजवाहे को पक्का करने का काम किया जा रहा है। जिसमें नाम मात्र की सीमेंट और बिल्कुल कच्ची- पीली ईंटें लगाई जा रही है। जिससे यह पूरा बनने से पहले ही उखड़ने लगा है। किसानों नाम मौके पर जाकर दिखाया की ईंटों के नीचे पूरी तरह से मिट्टी भी नहीं डाली गई है। जिससे रजवाहा बैठ रहा है।

किसानों ने रजवाहे चौड़ाई और गहराई को लेकर भी सवाल उठाए हैं। किसानों ने बताया कि यह रजवाहा पहले 20 से 22 फुट चौड़ा और करीब पांच से छह फुट गहरा होता था। पक्का करते वक्त इसकी ऊपर से चौड़ाई और गहराई भी काफी कम कर दी गई है।। जबकि निर्माण कार्य शुरू करने के वक्त केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और पलवल विधायक दीपक मंगला की मौजूदगी में सिंचाई विभाग के अधिकारियों के कहा गया था की जहां इसे पक्का करने की शुरुआत की जाएगी वहां से ऊपर से इसकी चौड़ाई 21 फुट और इसका बैड 7 फुट होगा। उसके पांच किलोमीटर बाद ऊपर से 15 फुट और बैड तीन से चार फुट रहेगा। लेकिन दुर्गापुर गांव तक आते-आते मात्र 4 किलोमीटर के बाद ही ऊपर से इसकी चौड़ाई 11 फुट और नीचे बेड मात्र 9 इंच का कर दिया गया है जिससे पानी बहुत कम मात्रा में आ पाएगा। और समय पर ठीक से इसकी छंटाई- सफाई नहीं की गई तो पानी बिल्कुल भी नहीं आ पाएगा। किसानों इस रजवाहे के पक्का करने के काम को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा बताते हुए निर्माण कार्य की जांच और खेतों की सिंचाई के लिए पानी की मांग की जा रही है।
