विभिन्न प्रकार के सेवाकार्य कर मनाया गया देवी चित्रलेखाजी का जन्मदिवस
असहाय गौवंश तथा अन्य जीवों की सेवा, हरिनाम प्रचार,महिला स्वावलबंन तथा सशक्तिकरण,आयुर्वेदिक उत्पादों को प्रोत्साहन देना।
गौ सेवा धाम में चल रही सप्तदिवस श्री राधा चरितामृत कथा के चतुर्थ दिवस में गौ सेवा धाम हाँस्पीटल की संचालिका तथा प्रसिद्ध कथावाचिका पूज्या देवी चित्रलेखाजी के जन्मदिवस 19 जनवरी को संकीर्तन दिवस के रूप में मनाया गया। प्रातःकाल प्रभात संकीर्तन फेरी के साथ कार्यक्रम का शुभांरभ किया गया। तत्पश्चात् वृक्षारोपण कर प्रकृति के सरंक्षण का संदेश दिया गया। मघ्याहन समय में गायों हेतू 56 भोग का भंडारा प्रसाद लगाया गया। जिसमें समस्त गौंवश को पौष्टिक दलिया, हरा चारा, गुड़, गन्ना, दालें तथा फल प्रदान किये गये।
इस शुभ अवसर पर गौसेवा धाम हाँस्पीटल ने विधार्थीयों को गर्म वस्त्रों का वितरण भी किया तथा साथ ही गौ सेवा धाम परिसर में रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया। जीव सेवा , नर सेवा तथा पर्यावरण के संरक्षण का संदेश देकर गौ सेवा धाम हाँस्पीटल ने देवीजी के जन्मदिवस को सार्थकता के साथ मनाया।

देवीजी ने इस अवसर पर एक नई गौ एम्बुलेंस का उद्घाटन किया। इन लिफ्टयुक्त एम्बुलेंस के माध्यम से पहले से घायल जीव को और अधिक कष्ट न देते हुये सुविधापूर्वक हाँस्पीटल तक ले जाना आसान रहता है। गौसेवा धाम हाँस्पीटल यूपी हरियाणा राज्य की सीमा पर स्थित है। यह हाँस्पीटल विशाल स्तर पर निःशुल्क की जाने वाली गौसेवा हेतू प्रसिद्ध है। देवीजी के पिता पं0 टीकाराम स्वामीजी ने इस अवसर पर गौसेवा धाम के बारे में बताया कि यहाँ दुर्घटनाग्रस्त , लाचार तथा असहाय गौवंश तथा अन्य जीव जन्तुओं का उपचार किया जाता है। साथ ही क्षेत्र के पशुपालक भी अपने पशुओं के उपचार हेतू यहाँ आते हैं। वर्तमान में यहाँ हजारों जीव चिकित्सा लाभ ले चुके हैं। गौमाता के अतिरिक्त वानर, खरगोश, श्वान, मोर, नीलगाय, कबूतर आदि कई पशु-पक्षी इस हाँस्पीटल में उपचाराधीन है। गौसेवा धाम हाँस्पीटल में प्रशिक्षित चिकित्सक, अत्याधुनिक मशीनें, बिजली, पानी तथा जीवों के अलग-अलग रहने हेतू विशाल वार्ड आदि हैं। जिससे इतने बड़े स्तर पर जीव सेवा की जा रही है।