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धरने पर किसान की मौत, पढ़िए पूरी ख़बर

पलवल, 8 जनवरी (गुरुदत्त गर्ग)। पलवल और नूंह जिले के 80 गांवों के लोगों के द्वारा केएमपी और मुंबई दिल्ली वडोदरा एक्सप्रेसवे पर कट(इंटरचेंज) की मांग को लेकर मिंडकोला सिलानी रोड पर एक जनवरी 2023 से अनिश्चितकालीन धरना शुरु किया। धरना स्थल पर बीती रात एक व्यक्ति की ठंड से मौत हो गई। यह धरना मिंडकोला सिलानी रोड स्थित केएमपी और मुंबई दिल्ली वडोदरा एक्सप्रेसवे के नौरंगाबाद के पास बन रहे गोल चक्कर पर दिया जा रहा है। जिसे जलेबी चौक का नाम दिया जा रहा है। जो की एशिया का सबसे बड़ा गोल चक्कर बताया जा रहा है। नए साल के पहले दिन से शुरू इस धरने में हजारों लोगों ने हिस्सा ले रहे है। मृतक को शहीद का दर्जा देने, एक परिजन को सरकारी नौकरी और आर्थिक मदद की मांग की जा रही है। शव को रख प्रशाशन को चेतावनी दे दी।

पलवल के मिंडकोला कोला गांव के पास हजारों किसानों साल के पहले दिन अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं। किसानों की मांग है कि पलवल और मेवात से होकर गुजर रहे केएमपी तथा दिल्ली मुंबई -दिल्ली- वडोदरा एक्सप्रेसवे और नोएडा से फरीदाबाद होते हुए रेवाड़ी की ओर जाने वाले एक्सप्रेस वे के लिए बनाए गए गोल चक्कर का इस क्षेत्र में कट दिया जाए । जिससे इस क्षेत्र में उद्योग धंधों से लेकर कारोबार के नए आयाम स्थापित होने से इस क्षेत्र का चहुमुखी विकास हो सके।

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ग्रामीणों का कहना है कि हमारे इस क्षेत्र की हजारों एकड़ जमीन को 3 एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाले केंद्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए अपनी जमीन दी है। जिससे लोगों की आजीविका के साधन कम हुए हैं। लेकिन यदि केंद्र सरकार यहां पर कट दे देती है तो यहां पर नए-नए उद्योग धंधों और व्यापार के नए रास्ते खुलेंगे।

पक्षी कनेक्टिविटी मिलने से उद्योगपति यहां पर आएंगे और अपने-अपने कल कारखाने स्थापित करेंगे। जिससे इस क्षेत्र का भाग्योदय होगा।

किसान नेता करतार डागर, सुरजीत सिंह, नाहर सिंह और मुकेश डागर

मिंडकोला गांव के किसान एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता मुकेश डागर ने बताया कि मडकोला गांव के पास एमपी और मुंबई दिल्ली वडोदरा एक्सप्रेसवे पर कट दिए जाने की घोषणा पिछले दिनों हथीन रैली में सीएम मनोहर लाल पाप ने की थी। 20 फरवरी 2020 को हथीन में आयोजित रैली में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की घोषणा के बाद लोगों को एक बड़ी उम्मीद विकास के दिखाई देने लगी थी लेकिन अब मुख्यमंत्री की इस घोषणा को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। जिसके कारण अब पलवल और मेवात के 80 गांव के लोगों ने कट की मांग को लेकर यहां पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। सभी ग्रामवासियों का कहना है कि जब तक 3 बड़े एक्सप्रेस वे इस क्षेत्र की जनता को जोड़ने के ये कट नहीं दिया जाएगा तब तक यह धरना दिन और रात 24 घंटे चलता रहेगा।

एडीसी हितेश मीणा मृतक परिवार के परिजन से बात चीत करते हुए।

फिलहाल धरना किसान की मौत के बाद मृतक रामखिलाड़ी पुत्र हरिया के परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजे, शहीद का दर्जा व नौकरी दिलाए जाने की की जा रही है। जिस पर एडीसी हितेश मीणा लोगों के बीच आकर बातचीत कर रहे हैं। अभी इस मुद्दे पर अभी जो सहमति बनी है उसके अनुसार मृतक रामखिलाड़ी के दो बेटों में से किसी एक बेटे कों योग्यता के अनुसार डीसी रेट पर किसी भी सरकारी विभाग में नौकरी, कम से कम दस लाख से लेकर पचास लाख रुपये तक आर्थिक मुआवजा दिलाने के प्रयास किए जाएंगे। तीसरी शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग का प्रस्ताव सरकार तक भेजा जाएगा।

एडीसी हितेश मीणा, पलवल

एडीसी हितेश मीणा के साथ वार्ता के बाद मंच से यह घोषणा होने के बाद ही शव को पंडाल से उठाया गया। इससे पहले प्रशाशन को शव को केजीपी पर रख जाम लगाने की घोषणा कर दी गई थी। जिस पर प्रशाशन के हाथ पैर फूलगए थे। जिससे भाई संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी।

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