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केंद्र और झारखंड सरकार के खिलाफ जैन समाज उतरा रोड पर

पलवल,21 दिसम्बर(गुरूदत्त गर्ग) । पलवल जिले के पूरे जैन समाज ने झारखंड के गिरिडीह ही स्थित सम्मेद शिखरजी को पर्यटन क्षेत्र बनाए जाने की अधिसूचना के विरोध में जुलूस निकालते हुए जिला मुख्यालय जाकर जिला उपायुक्त नेहा सिंह को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। जैन समाज के लोग  हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित जैन मंदिर नशिया जी में हजारों की संख्या में  एकत्रित हुए और फिर उसके बाद ओल्ड जीटी रोड से में बाजार से होते हुए कुशलीपुर स्थित जिला मुख्यालय तक पैदल रोष प्रदर्शन किया। 

 देशभर में जैन समाज के लोगों में केंद्र तथा झारखंड सरकार के खिलाफ गहरा रोष है। बताया जा रहा है कि झारखंड और केंद्र सरकार ने सम्मेद शिखरजी के एक हिस्से को वन्यजीव अभयारण्य घोषित किए जाने और गैर धार्मिक गतिविधियों के लिए सरकार की ओर से अधिसूचना जारी करते हुए पर्यटन क्षेत्र घोषित किया गया है। जिसके खिलाफ देशभर के जैन समाज में भारी रोष है जैन समाज के लोगों का कहना है कि सम्मेद शिखरजी जैन समाज का पवित्र तीर्थ स्थल है इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने के फैसले के बाद वहां पर असामाजिक गतिविधियां प्रारंभ हो जाएगी और लोग वहां पर मौज मस्ती के लिए जाने लगेंगे वहां पर होटल,पब और बार इत्यादि खुल जाएंगे जिससे वहां पर मदिरा पान और मांस भक्षण भी शुरू हो जाएगा। जिसके कारण पवित्र तीर्थ स्थल की मर्यादा भंग हो जाएगी।

जिला उपायुक्त नेहा सिंह को ज्ञापन सौपते हुए..

 इस अवसर पर होडल के युवा जैन नेटक रोहित जैन ने प्रण लेकर घोषणा की है कि यदि झारखंड सरकार इस अध्यादेश को वापिस नहीं लेती है तो वह अपने साथियों के साथ 1जनवरी 2023 से होडल से दिल्ली प्रधानमंत्री कार्यालय तक पैदल यात्रा शुरू करेंगे और फिर प्रधानमंत्री कार्यालय के सामने तब तक धरना देंगे जब तक अध्यादेश वापिस नहीं लिया जाता।   गौरतलब है फिलहाल शिखर जी यानी सम्मेद शिखर पर केवल जैन समाज के लोग ही जाते हैं। वहां पर जाने वाले तमाम लोग धार्मिक आस्था के साथ नंगे पैर ही पर्वत पर चढ़ते हैं। जैन समाज के 24 तीर्थंकरों में से एक 20 तीर्थंकरों का शिखर जी से उदय हुआ है। जैन समाज की मान्यता है कि सम्मेद शिखरजी के इस क्षेत्र का कण-कण पवित्र है और पूजनीय है, लाखों जैन मुनियों ने इस क्षेत्र से मोक्ष प्राप्त किया है। इसलिए शिखर जी को सिर्फ धार्मिक तीर्थ के रूप में ही मान्यता प्राप्त होनी चाहिए। जैन समाज के लोगों ने झारखंड सरकार द्वारा जारी किए गए। अध्यादेश को वापस लेने की मांग की गई है।

मनीष जैन

जैन समाज के लोगों  का कहना है कि यदि इस इस अध्यादेश को वापस नहीं लिया जाता है तो जैन समाज इसका और कड़े रूप से विरोध प्रदर्शन करेगा। देश का सबसे अधिक टैक्स पेयी समाज  जरूरत पड़ने पर सरकार की आर्थिक रूप से कमर तोड़ने का काम करेगा। फिलहाल शांति पूर्वक केंद्र और झारखण्ड प्रदेश से अध्यादेश को वापिस लेने की मांग की जा रही  है। पलवल में विरोध प्रदर्शन करने वालों में होडल और हथीन से आये जैन मतावलंबियों ने हिस्सा लिया। जिनमें पलवल जैन समाज प्रधान राकेश जैन, मनीष जैन,महावीर जैन, रोहित जैन,नीरज जैन, मंगतराम जैन होडल, राजकुमार जैन, नरेश जैन, मुकेश जैन, वेद प्रकाश जैन होडल, मनोज जैन निखिल जैन आदि प्रमुख थे। विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी हिस्सा लिया।

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