
पलवल, 11 मई (गुरूदत्त गर्ग)। जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के कुलपति प्रो. एस.के. तोमर ने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे प्रौद्योगिकी का उपयोग से समाज की बेहतरी के लिए करें।
प्रो. तोमर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के उपलक्ष में एडवांस इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाॅजी एंड मैनेजमेंट (एआईटीएम), पलवल में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन विज्ञान भारती, हरियाणा द्वारा एआईटीएम, पलवल के सहयोग से किया गया था। इस मौके पर एआईटीएम के प्राचार्य डॉ. आर.पांडे और श्री संजीव चंद्रा भी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन प्रबंधन विभाग की प्रमुख डॉ. नेहा आर्य ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत देवी सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से हुई।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. तोमर ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस की प्रासंगिकता और वर्तमान समय में इसके महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस हमारे वैज्ञानिकों और तकनीकी विशेषज्ञों की उपलब्धियों को याद करने का दिन है, जिन्होंने देश में नवाचार और तकनीकी प्रगति लाने में योगदान दिया। इस दिन हमें अपने देश को उन सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लेना चाहिए जहां हम पिछड़े हुए हैं।

उन्होंने कहा कि हम वैश्वीकरण के युग में हैं, जहां प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने छात्रों को स्टार्ट-अप, नए शोध एवं नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया ताकि वे करियर में बेहतर कर सके।
संस्था के चेयरमैन संजीव चंद्रा ने कहा कि इस तरह के आयोजनों का उद्देश्य छात्रों को अनुसंधान और नवाचार के लिए सही मंच प्रदान करके विज्ञान और प्रौद्योगिकी की उन्नति को बढ़ावा देना है। उन्होंने आगे कहा कि इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए एआईटीएम पलपल द्वारा विद्यार्थियों को प्रयोगशालाओं में सबसे एडवांस कंप्यूटर सिस्टम उपलब्ध करने का प्रयास किया है।
डॉ. आरआर पांडे ने कहा कि आधुनिक तकनीक दिन-ब-दिन बदल रही है, जिससे यह हर नई तकनीक के साथ बेहतर होती जा रही है। प्रौद्योगिकियां काफी हद तक मनुष्य के जीवन में आसान बना रही है। कार्यक्रम को डॉ. अनुराग गौड़, श्री परवीन रामदास और डॉ. जवाहर लाल ने भी संबोधित किया तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवीनतम विकास पर चर्चा की। कार्यक्रम के समापन पर डॉ. नेहा आर्य के धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर एआईई की प्राचार्य डॉ. लक्ष्मी शर्मा, एआईपी की प्राचार्य डॉ. अर्पणा राणा, रजिस्ट्रार दिव्या वर्मा और प्रशासक अधिकारी श्री नवीन गुप्ता भी पर उपस्थित थे।
