पलवल 30 जुलाई (हि. स.) । प्रदेश सरकार द्वारा शुभ्र ज्योत्सना सम्मान से सम्मानित लोकतंत्र प्रहरी गिर्राज किशोर गर्ग को पुलिस सलामी गारद के साथ वीरवार शाम सात बजे अंतिम विदाई दी गई। वह जीवनभर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय कार्यकर्ता रहे थे। साथ ही जनसंघ काल से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे। वर्तमान में वह सरस्वती शिक्षण संस्थान के कोषाध्यक्ष रूप में कार्य कर रहे थे । उनके अकस्मात मरणोपरांत भाजपा की तरफ से विधायक दीपक मंगला द्वारा पुष्प चक्र भेंट किया । भारतीय जनता पार्टी ,राष्ट्रीय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा विभिन्न सामाजिक- धार्मिक संगठनों के लोगों ने बड़ी संख्या में मोक्षधाम में उपस्थित होकर उन्हें अंतिम विदा दी।

गिर्राज किशोर गर्ग का जन्म 15 मई 1947 को मुरलीधर गर्ग एवम माता सुखदेवी के घर पर हुआ था। बचपन से तेजबुद्धि, पढ़ने में कुशाग्र थे , बीएससी करने के बाद डॉक्टरी पढ़ने गए लेकिन घरेलू कारणों से बीच मे छोड़कर आना पड़ा । बचपन से ही Rss की शाखा से जुड़े, अनेक दायित्व संभाले बाद में भूतपूर्व विधायक श्री मूलचंद मंगला जी के भारतीय जनसंघ में शामिल हो गए और सक्रिय कार्यकर्ता रहे । 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देश मे आपातकाल लगाए जाने पर सत्याग्रह करते हुए 26 जून 1975 को अन्य कार्यकर्ताओं के साथ गिरफ्तारी दी व कई महीने जेल में काटे । वर्तमान सरकार द्वारा उन्हें लोकतंत्र सेनानी का दर्जा देकर शुभ्र ज्योत्सन सम्मान व ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया गया था । उन्होंने अपने परिवार में भी संघ के संस्कार दिए , उनके बड़े पुत्र प्रवीण गर्ग संघ के जिला और कार्यवाह रहे, वर्तमान में वह पलवल जिला के संपर्क प्रमुख का दायित्व निभा रहे हैं ।
प्रदेश सरकार की नीति के अनुसार ताम्रपत्र से सम्मानित लोगों को मरणोपरांत सलामी गार्ड दी जाती है जिसके तहत यहां पर गारद सलामी देने के लिए आई और उन्हें सलामी दी । लेकिन जब सम्मान स्वरूप फायर खोलने की बारी आई तो एक राइफल से फायर नहीं खुल पाया और एक राइफल की गोली आसमान में जाने की वजह श्मशान घाट के लोहे की टीम शेड से जा टकराई जो कि एक बहुत बड़ी चूक हुई ।*
उनके तीन पुत्र और दो पुत्रियों मैं उनके जेष्ठ पुत्र प्रवीण गर्ग ने बताया कि गिर्राज किशोर गर्ग कुछ समय से दिल के मरीज भी थे, उनका 2 बार दिल का ऑपरेशन हो चुका है , गत 29 जुलाई 2021 को दुकान से घर आते हुए अचानक स्कूटी का बैलेंस बिगड़ने के कारण गिर पड़े और तत्काल स्वर्ग सिधार गए । भगवान उनकी आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें । हिंदुस्थान समाचार/ गुरुदत्त