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सीडब्ल्यूसी पलवल ने मथुरा से पलवल आई 17 साल की लड़की को किया पेरेंट्स के हवाले


बचपन के दोस्त की सगाई से डिप्रेशन में आकर छोड़ा था घर 

 आवाज केसरी (पलवल) । बुधवार शाम करीब 7:00 बजे स्टेटक्राइम ब्रांच  की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को सूचना मिली कि पलवल आगरा चौक के पास एक अट्ठारह 19 साल की लड़की काफी देर से इधर-उधर भटक रही है और वह काफी बेचैनी में दिखाई दे रही है । जिस पर स्टेट क्राइम ब्रांच एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के एएसआई राधारमन ने तत्काल चाइल्ड लाइन पलवल हेल्पलाइन की मदद से लड़की को आगरा चौक से रेस्क्यू किया। और लड़की से उसके माता पिता आदि की जानकारी जुटाने का प्रयास किया। लेकिन लड़की उन्हें बताया था कि उनके माता-पिता  जिंदा नहीं है और वह दिल्ली के आनंद विहार स्थित सरस्वती अनाथ आश्रम में रहती थी, वही पर उसने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की। उसके बाद अब जब उसकी उम्र 18 साल से अधिक हो गई तो अनाथ आश्रम की टीचर ने उसका हाथ पकड़कर आश्रम से बाहर निकाल दिया और कहा कि अब तुम बालिग हो गई हो और अब आप खुद कमाओ और खुद खाओ और कहीं भी जाओ। इस पर वह दिल्ली से एक बस में बैठकर पलवल तक पहुंच गई थी लेकिन यह सब जानकारी उनकी टीम को गुमराह करने के लिए दी गई थी ।   चाइल्डलाइन पलवल हेल्पलाइन इंचार्ज रचना सौरौत ने बताया कि रात में लड़की को पलवल जिला अस्पताल स्थित वन स्टॉप सेंटर में रखा गया था। वहां पर रात में महिला कर्मचारी नहीं होने के कारण एक महिला कॉन्स्टेबल को भी सुरक्षा में तैनात किया गया था । रात में वन स्टॉप सेंटर में रखने के बाद दिन निकलने पर लड़की की बार- बार काउंसलिंग की तो लड़की ने बताया कि वह मथुरा की रहने वाली है और घर से नाराजगी के चलते वह यहां तक आ पहुंची थी । उसने यह भी बताया था वहां पर किसी साड़ी बनाने वाले कारखाने में अपनी मां के साथ काम करती थी।     

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  काउंसलिंग के दौरान उसने घर से निकलकर आने  का कारण बताया कि मथुरा में जिन लोगों के पास में रहती है वह वास्तव में वह उसके असली मां बाप नहीं है। उसे कई बार  परिवार की और दूसरे लोगों को यह कहते हुए सुना था  कि उसे कहीं से उठा कर लाया गया था। जिस पर उसे अपने आप पर काफी शर्मिंदगी महसूस होती थी।      

बुधवार को पिता ने मोबाइल पर बहुत अधिक समय बिताने के कारण डांट दिया था पिता की की डांट के बाद घर को छोड़ने का फैसला लिया था।  हालांकि देर रात लड़की के माता-पिता पलवल पलवल आ चुके थे लेकिन लड़की अपने माता-पिता से इस कदर नाराज थी अथवा डिप्रेशन में थी कि उसने अपने माता-पिता से बात करने से साफ इनकार कर दिया था। उसका यही कहना था कि जब वह उसके असली माता पिता माता-पिता हैं ही नहीं तो मैं उनके साथ नहीं जाऊंगी। यहां तक कि रात को उसने माता -पिता से बात करने से भी इनकार कर दिया था।

वन स्टॉप सेंटर में लड़की के साथ ASI राधारमण एवं रचना सौरौत व पुलिस कॉन्स्टेबल

 स्टेट क्राइम ब्रांच की एंट्री ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट तथा चाइल्ड लाइन की टीम द्वारा चाइल्ड वेलफेयर समिति के समक्ष जब बार-बार काउंसलिंग की तो लड़की ने असलियत बताते हुए अपनी गलती को स्वीकार कर लिया और अपने माता-पिता के साथ हंसी खुशी अपने घर जाने के लिए तैयार हो गई । इस पर क्राइम ब्रांच तथा साइड लाइन के साथ-साथ सीडब्ल्यूसी तमाम कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए लड़की को उसके माता-पिता के हवाले कर दिया। बेटी को दोबारा पाकर माता-पिता ने भी भरोसा दिलाया कि वह लड़की को पहले से ज्यादा लाड -प्यार देंगे और किसी तरह की कोई कमी नहीं रहने देंगे । उन्होंने यह भी खुलासा किया कि यह लड़की वर्ष 2005 में गोवर्धन परिक्रमा मार्ग पर एक थैले में मिली थी तब उसकी उम्र मात्र कुछ दिन की तभी से उन्होंने लड़की को लाड प्यार के साथ पाला था बताया कि उनके और कोई बच्चा नहीं था इस वजह से लड़की को अपने घर ले आए थे। डिप्रेशन और परिवार से नाराजगी के चलते बिछुड़ कर आई लड़की को उसके पेरेंट्स तक मिलाने में स्टेट क्राइम ब्रांच की टीम में एएसआई संजय, एएसआई राधारमण और उनके सहयोगी तथा चाइल्डलाइन पलवल हेल्पलाइन से रचना सौरौत एवं सोनिया तथा सीडब्ल्यूसी की मेंबर रचना गर्ग एवं रणवीर कुमार मनोज एडवोकेट का विशेष सहयोग रहा।सीडब्ल्यूसी की सदस्य रचना गर्ग तथा रणवीर कुमार मनोज ने बताया कि लड़की को उनके द्वारा हर तरह से सन्तुष्टि होने पर ही उसके पेरेंट्स के हवाले किया गया है । लड़की को बचपन से पालने वाले माता पिता के साथ आए परिवार के लोगों ने बताया कि लड़की का बचपन का एक दोस्त था जिसकी कुछ दिन पहले सगाई हो गई जिसके बाद में वह काफी तनाव और डिप्रेशन में थी जिसके चलते हैं वह अपने माता पिता से भी ठीक से बात नहीं कर पा रही थी। उसी डिप्रेशन के चलते उसने घर छोड़ा था। यहां पर स्टेट क्राइम ब्रांच ,चाइल्ड लाइन पलवल हेल्पलाइन तथा सीडब्ल्यूसी की काउंसलिंग के बाद लड़की डिप्रेशन से मुक्त है और अब वह पहले की सब बातों को भूल कर नए सिरे से अपने माता पिता के साथ रहने के लिए तैयार हो गई।

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