पलवल,(आवाज केसरी) । पलवल अपराध जांच शाखा पुलिस ने छह ऐसे साईबर ठगों को गिरफ्तार किया है जो गरीब व अनपढ़ लोगों को पैसों का लालच देकर उनसे बैंक खाते ले लेते और बाद में बरोजगार युवाओं को नौकरी देने की बात कहकर उनसे रुपये डलवा लेते और तुरंत उन रुपयों को निकाल लेते। आरोपियों में एक गिरोह का सरगना व एक वोडाफोन कंपनी का प्रमोटर है। सभी आरोपी पिछले दो वर्षो में लगभग 750 लोगों को चुना लगाकर एक करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके है। पुलिस ने गहन पूछताछ के लिए आरोपियों को अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया हुआ है।
सीआईए इंचार्ज अशोक कुमार ने शनिवार को बताया कि सैक्टर-56ए फरीदाबाद निवासी इस्ताक ने गदपुरी थाना पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी कि सैक्टर-17 फरीदाबाद निवासी इरसाद ने अपने कुछ रुपये आने की बात कहकर उससे बैंक खाता लिया था और खाते में फर्जी तरीके से रुपये डलवाए गए और निकाले गए। बैंक द्वारा पीडि़त के खाते को सील कर दिया गया था। क्योंकि पीडि़त के खाते में हैदराबद से जल्दी-जल्दी रुपये डाले गए और निकाल गए। पीडि़त के खाते में एक सप्ताह के अंदर एक लाख 80 हजार रुपये का लेन-देन किया गया। पुलिस ने पीडि़त की शिकायत पर मामला दर्ज कर गहन जांच शुरू की तो पाया गया आरोपी इरसाद ऐजेंट के रुप में काम करता है जो कि झुगगी-झोंपड़ी में रहने वाले गरीब व अनपढ़ लोगों को पांच-छह हजार रुपये का लालच देकर उनसे खाता ले लेता और उसी खाते को 35 हजार रुपये में साईबर ठगों को बेच देता था।
सीआईए इंचार्ज द्वारा एक टीम गठित ने पीडि़त इस्ताक की मदद से बदपुर बॉडर के समीप छह लोगों को गिरफ्तार किया गया। जिन्होंने अपना नाम राजा चौधरी उर्फ विवेक निवासी नांगल दिल्ली मूल निवास अलीगढ़ यूपी, अजय कुमार निवासी सागरपुर दिल्ली मूल निवास बंदायू यूपी, विजय निवासी शकुरपुर दिल्ली, विशाल निवासी लोधी रोड़ नई दिल्ली मूल निवास उडीसा, हिमांशू निवासी लोधीपुरम आगरा यूपी व नीतिन निवासी कालकाजी नई दिल्ली मूल निवास जालंधर पंजाब बताया। सभी आरोपी अलग-अलग प्रकार की भाषा बोलने व समझने में एक्सपर्ट हैं। आरोपियों में राजा चौधरी उर्फ विवेक गिरोह का सरगना है जबकि नीतिन वोडाफोन कंपनी का प्रमोटर है जो फर्जी सिम कार्ड एक हजार रुपये में उपलब्ध कराता था।
आरोपियों ने दिल्ली के संतनगर ईस्ट ऑफ कैलाश में फर्जी कॉल सैंटर खोला हुआ है। सबसे पहले आरोपी साइन डॉट कॉम साइट के पोर्टल को 47 हजार रुपये में 3 महिने के लिए खरीद लेते। क्योंकि इस साइट पर बेरोजगार व्यक्ति जॉब के लिए ऐप्लाई करते थे। आरोपियों को खरीदी हुई साइट से उन बरोजगार लोगों का डाटा मिल जाता था। उसके बाद आरोपी फर्जी सिम से उन बेरोजगार लोगों को कॉल करते और उन्हें नौकरी का झांसा देकर 1500 रुपये में रजिस्ट्रेशन करते। आरोपी अधिकतर केरला, चेन्नई, हैदराबाद जैसी दूर जगह रहने वाले लोगों को अपना निशाना बनाते थे। उसके बाद फर्जी मेल बनाकर मेल केे जरिए टेस्ट लेते और उसके बाद उन्हें ड्रेस उपलब्ध करवाने की एवज में दस से 20 हजार रुपये जमा करा लेते। इसी प्रकार आरोपी पिछले दो वर्षो में लगभग 750 लोगों को चपत लगाकर एक करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके हैं। प्रथम पूछताछ में आरोपियों से 11 खातों का खुलासा हुआ है साथ ही उनके कब्जे से चार लैपटॉप, 14 मोबाइल फोन, फर्जी सिम कार्ड व एटीएम कार्ड बरामद किए गए है। गहन पूछताछ के लिए आरोपियों को पुलिस द्वारा अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया हुआ है।