पलवल, (आवाज केसरी) हाल में केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि विधेयकों के विरोध प्रदेश व्यापी बंद का पलवल में कोई असर दिखाई नहीं दिया । हालांकि यहां पर भारतीय किसान यूनियन के द्वारा एक बड़े प्रदर्शन और आंदोलन के लिए ताऊ देवीलाल पार्क का स्थान चुना गया था लेकिन कृषि विधेयकों के विरोध में पहुंचे किसानों की सख्या दर्जनों में रही सौ तक भी नहीं पहुंची।
स्वर्गीय चौधरी ताऊ देवी लाल के बड़े भक्त रहे विजय राठी जो ताऊ देवीलाल पार्क में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के लिए आए थे। कहा कि उनका जेजेपी और इनेलो से मोह भंग हो चुका है , क्योंकि इस परिवार के वर्तमान नेताओं में सत्ता के लिए संघर्ष चल रहा है , उन्हें केवल सत्ता चाहिए पार्टी से पार्टी की नीतियों से कार्यकर्ताओं से उन्हें कोई लेना देना नहीं है आज यहां पर केवल किसान होने के नाते किसानों के संघर्ष में कृषि विधेयक का विरोध करने के लिए यहां पर अपने साथियों के साथ रुके हैं। उन्होंने कहा कि आज दुष्यंत, दिग्विजय और नैना चौटाला जी पर अपने कार्यकर्ताओं के लिए बिल्कुल भी समय नहीं है। ऐसे में उनकी पार्टी के साथ जुड़े रहने का क्या फायदा, क्योंकि जब ये लोग दिनेश धनाना जैसे कार्यकर्ता का सम्मान नहीं कर सके- जो नंगे पैर हरिद्वार जाकर ताऊ देवीलाल की प्रतिमा का स्नान कराने के लिए बारहवीं बार गंगाजल लेकर के आए थे और जिन्होंने पिछले 10 साल से इस परिवार की सत्ता की चाहत के लिए बाल कटाने और अपनी दाढ़ी तक नहीं बनवाई है ऐसे कार्यकर्ता का भी पार्टी में सम्मान नहीं रह गया है।

भारतीय किसान यूनियन के नेता धन्नालाल धमाका ने कृषि विधेयकों का विरोध करने के लिए किसानों का समर्थन नहीं जुटा पाने पर कहा कि वे पिछले आठ-दस दिन से आज 25 सितंबर को धरना प्रदर्शन के लिए किसानों को एकत्र करने का प्रयास कर रहे थे । लेकिन किसान कृषि विधेयक के विरोध करने के लिए यहां पर नहीं जुटे हैं । उसमें किसी को जबरदस्ती तो लाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि किसानों में अभी अपने अधिकारों के लिए जाग्रति नहीं आई है। वहीं उन्होंने अपनी मांगों और कृषि विधेयक के विरोध का कारण बताते हुए कहा कि वह चाहते हैं कि किसानों को एमएसपी की गारंटी मिले कि कोई भी व्यापारी किसानों से अनाज एमएसपी से कम रेट पर नहीं खरीदे।
साथ ही साथ चाहते हैं कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर भी सरकार कांटेक्ट करने वाली कंपनी से गारंटी दिलाए की किसानों के साथ कोई कंपनी कांट्रेक्ट करने के बाद धोखा तो नहीं देगी , तीसरी बात उन्होंने स्वामीनाथन आयोग के अनुसार कृषि उत्पाद के मूल्यों की अपनी मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि किसानों को स्वामीनाथन आयोग के अनुसार की गई सिफारिशों के अनुसार फसलों का दाम मिलना चाहिए ऐसी गारंटी इन विधेयकों में होनी चाहिए।