नई दिल्ली, (आवाज केसरी) । लोकतंत्र का नाम ही चुनाव है। बिहार में राजनेताओं को इंतजार था कि विधानसभा चुनाव कब होंगे। आज वह भी दिन आ ही गया। आज चुनावी महासंग्राम का आगाज हो रहा है। कोरोना संकट काल में ये देश में होने वाला पहला विधानसभा चुनाव है। एक बार फिर मुकाबला नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए बनाम तेजस्वी की अगुवाई में महागठबंधन के बीच है।
कोरोना पीड़ित डाल सकेंगे वोट
मतदान के अंतिम समय में कोरोना पीड़ित अपना वोट डाल सकेंगे, जिनके लिए अलग व्यवस्था होगी। प्रचार मूल रूप से वर्चुअल ही होगा, लेकिन डीएम छोटी रैली की जगह और वक्त तय करेंगे। हर पोलिंग बूथ पर साबुन, सैनिटाइजर समेत अन्य चीजों की व्यवस्था की जाएगी।
एक घंटा अधिक होगी वोटिंग
इस बार वोट डालने के लिए एक घंटा अधिक वक्त रखा गया है, सुबह सात से शाम 6 बजे तक मतदान होगा। लेकिन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ऐसा नहीं होगा। डूर टू डूर कैंपेन में सिर्फ पांच लोग ही जा सकेंगे। इस बार नामांकन और हलफनामा ऑनलाइन भी भरा जाएगा, डिपोजिट को भी ऑनलाइन सबमिट किया जा सकेगा। नामांकन के वक्त उम्मीदवार के साथ सिर्फ दो लोग मौजूद रहेंगे। प्रचार के दौरान किसी से हाथ मिलाने की इजाजत नहीं होगी।
बिहार चुनाव: मास्क, सैनिटाइजर, पीपीई किट का होगा इस्तेमाल
बिहार में कुल 243 सीटों पर चुनाव होगा, राज्य में 29 नवंबर तक विधानसभा का कार्यकाल है। इस बार पोलिंग स्टेशन की संख्या और मैनपावर को बढ़ाया गया है। बिहार में 2020 के चुनाव में सात करोड़ से अधिक वोटर मतदान करेंगे। इस बार एक बूथ पर सिर्फ एक हजार ही मतदाता होंगे।
इस बार चुनाव में 6 लाख पीपीई किट राज्य चुनाव आयोग को दी जाएंगी, 46 लाख मास्क का इस्तेमाल भी होगा। सात लाख हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया जाएगा, साथ ही 6 लाख फेस शील्ड को उपयोग में लाया जाएगा। 18 लाख से अधिक प्रवासी मजदूर हैं, इनमें से 16 लाख वोट डाल सकते हैं। 80 साल की उम्र तक के लोग पोस्टल बैलेट से वोट डाल पाएंगे।
चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हो गई है और अब चुनाव तारीखों का ऐलान हो रहा है।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोरोना संकट की वजह से दुनिया के 70 देशों में चुनावों को टाल दिया गया। कोरोना संकट के बीच बिहार और उपचुनावों को लेकर लगातार मंथन किया गया। बिहार चुनाव देश के सबसे बड़े राज्यों में है और ये चुनाव कोरोना काल का सबसे बड़ा चुनाव है।
नाव टालने की याचिका पर SC का सुनवाई से इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में विधानसभा चुनाव टाले जाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार किया है। याचिकाकर्ता ने राज्य में कोरोना के चलते बिगड़े हालात का हवाला दिया था. कोर्ट ने कहा- हम पहले ही साफ कर चुके है कि चुनाव आयोग हालात के मुताबिक सभी चीजों को ध्यान में रखकर फैसला लेने में समर्थ है।
अभी क्या है विधानसभा की स्थिति
बिहार की सत्ता पर काबिज नीतीश कुमार को उम्मीद है कि वो एक बार फिर सरकार में वापसी करेंगे, तो वहीं तेजस्वी की अगुवाई में विपक्ष एनडीए के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। बिहार में अब जब विधानसभा चुनाव नज़दीक हैं, तो ऐसे में चुनाव से जुड़ी कुछ अहम बातों पर गौर कीजिए।
बिहार चुनाव में इस बार नया क्या?
पिछले विधानसभा चुनाव से अलग इस बार सिर्फ मतदान ही नहीं बल्कि राजनीतिक दलों और गठबंधनों में भी काफी कुछ बदला-बदला सा नज़र आएगा। जो पिछले चुनाव में साथ लड़े थे, इस बार आमने-सामने हैं।
पिछली बार 5 चरण में हुआ था चुनाव
बिहार में आज विधानसभा चुनाव का ऐलान होगा। इस बार तीन चरण में मतदान कराया जा सकता है। हालांकि, 2015 के चुनाव में चुनाव आयोग ने बिहार में पांच चरणों में चुनाव कराया था, जिसकी तारीखों का ऐलान 9 सितंबर को ही कर दिया गया था। बिहार चुनाव 2015 के नतीजे 8 नवंबर को आए थे। इस चुनाव में महागठबंधन को बहुमत मिली थी।
सूत्रों का कहना है कि बिहार में तीन चरण में चुनाव हो सकता है. पिछली बार पांच चरणों में चुनाव हुए थे। इस बार दिपावली से पहले विधानसभा का गठन किया जा सकता है।