नई दिल्ली, (आवाज केसरी)। यूपी के आजमगढ़ में सोमवार सुबह हुए प्लेन क्रैश में ट्रेनी पायलट कोणार्क शरण की मौत हुई है। कोणार्क जिला पलवल ने निवासी थे। इस घटना कि सूचना मिलने के बाद पलवल में शोक कि लहर दौड़ गई। उन्होंने आज सुबह उड़ान भरी थी। करीब एक घंटे बाद हादसा हो गया। यह पलवल के आदर्श कालोनी निवासी 21 वर्षीय कोणार्क शरण इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी में पायलट का प्रशिक्षण ले रहे थे। सोमवार को सोलो उड़ान के दौरान एयरक्राफ्ट क्रैश हादसे में उनकी मौत हो गई ।
कोणार्क की 40 घंटे की उड़ान बाकी थी। प्रशिक्षु पायलट कोणार्क शरण ने सोमवार सुबह अकादमी से उड़ान भरी थी। उड़ान के दौरान एयरक्राफ्ट आजमगढ़ जिले के एक गांव में क्रैश हो गया। क्रैश होने का कारण मौसम खराब होने और बिजली गिरना बताया जा रहा है।कोणार्क अमेठी के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी (आइजीयूआरए) के फोर सीटर टीबी-20 एयरक्राफ्ट को उड़ा रहे थे। ट्रेनी पायलट कोणार्क सरन की मौत की खबर सुनते ही कॉलोनी और उनके पैतृक गांव आल्हापुर में कोहराम मच गया।
कोणार्क के परिवार का कहना है कि ट्रेनिंग पूरी होने पर उनकी शादी करने का प्लान कर रहे थे। माता-पिता और तीन बहनों के लाडले कोणार्क ने 12वीं पास कर थापर यूनिवर्सिटी से बीटेक किया था।बीटेक पास करने के बाद पायलट बनने की चाह में कोणार्क ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी में पायलट ट्रेनिंग के लिए करीब दो साल पहले दाखिला लिया था।
कोणार्क के परिवार ने बताया कि उसकी 200 घंटे की उड़ान होनी थी। 160 घंटे उड़ान पूरी कर चुका था और 40 घंटे बकाया थे। सोमवार को वह सोलो उड़ान पर था और मौसम खराब होने के चलते एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया ।
कोणार्क की तीनों बहनें प्रतिभा, सुजाता और मीनाक्षी की शादी हो चुकी है। मीनाक्षी एयर इंडिया में नौकरी करती हैं। पिता रामशरण एयर इंडिया से रिटायर हो चुके हैं।
हादसा इतना जबरदस्त था कि विमान के परखच्चे उड़ गए और प्रशिक्षु पायलट कोणार्क शरन की मौत हो गई। इग्रुआ के मीडिया प्रभारी रामकिशोर द्विवेदी की माने तो प्रथमदृष्टया यह घटना मौसम की खराबी के कारण हुई है।
कोर्णाक शरन ने इग्रुआ में करीब तीन साल पहले यानी सितंबर 2017 में प्रवेश लिया था और प्रशिक्षण के 125 घंटे पूर्ण कर चुका था। प्रशिक्षु पायलट की उम्र 21 वर्ष थी और वह हरियाणा प्रांत के पलवल के आदर्श नगर का रहने वाला था। इग्रुआ के मीडिया प्रभारी बताते हैं कि कोणार्क शरन के पिता रामशरन एयर इंडिया में कार्यरत थे, जो रिटायर हो चुके हैं।
वह तीन बहनों में इकलौता भाई था। किसी को उम्मीद नहीं थी कि इतना दर्दनाक हादसा हो जाएगा। इस दुखद हादसे से संस्थान में शोक छाया हुआ है। कोणार्क काफी होनहार था। हंसमुख और मिलनसार होने से साथी प्रशिक्षु पायलट ही नहीं, बल्कि पूरा संस्थान दुखी है।