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पलवल का फायर स्टेशन कभी भी हो सकता है धराशायी

पलवल फायर ब्रिगेड का जर्जर फायर स्टेशन

पलवल,(आवाज केसरी) पलवल के फायर स्टेशन की हालत बहुत जर्जर है। फायर स्टेशन का  अगला हिस्सा कभी भी गिर कर धराशायी हो सकता है । जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। लगता है प्रशासन और सरकार की नींद तब खुलेगी जब कोई यहां बड़ा हादसा हो जाएगा ।

   ओल्ड दिल्ली मथुरा रोड (जीटी रोड) स्थित पलवल फायर ब्रिगेड का फायर स्टेशन वर्ष 1985 -86 में बना था। करीब 35 वर्ष पहले बने इस फायर स्टेशन की हालत बहुत दयनीय हो चुकी है। इसके पिलर और बीम टूटने की कगार पर है। छतों से बार-बार प्लास्टर झड़ने से लेंटर के सरिये दिखाई देने लगे हैं।  बिल्डिंग की जर्जर हालत के कारण कर्मचारी जब ड्यूटी के लिए घर से चलते हैं तो सोचते हैं कि घर वापस लौटकर आएंगे या नहीं। बरसात होने पर छतों से पानी टपकता है। लेकिन कोई उसकी सुध लेने वाला नहीं है। जबकि नगर परिषद में 4 माह पहले प्रस्ताव पारित कर फायर स्टेशन की हालत सुधारने का फैसला लिया जा चुका है लेकिन उसका टेंडर अभी तक नहीं छोड़ा जा सका है, लगता है अधिकारी किसी हादसे का इंतजार कर रहे हैं।

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पलवल फायर स्टेशन की जर्जर हो चुकी छत के दृश्य

 फायर ऑफिसर लेखराम तथा अन्य फायर फाईट  कर्मचारियों का कहना है कि बिल्डिंग कभी भी धराशाई हो सकती है यह देखकर मौसम खराब होने पर हम गाड़ियों को फायर स्टेशन से बाहर कर ले जाकर खड़ी कर देते हैं ताकि गाड़ियां सुरक्षित रहें। लेकिन जब तक वहां पर रहते हैं तब तक उनका मन विचलित रहता है कि ना जाने कब वे बिल्डिंग के नीचे दब जाए और मौत के आगोश में समा जाएं।

जर्जर शेड के हालात दिखाते हुए विभाग कर्मचारी

 जबकि हकीकत यह है कि किसी भी प्रकार का प्राकृतिक प्रकोप या आपदा जब आती है तो सबसे पहले फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों को ही मदद के लिए याद किया जाता है। लेकिन पलवल फायर स्टेशन पर कर्मचारियों की जो दयनीय हालत है उसमें सुधार करने वाला और कर्मचारियों के मन में बैठे डर को निकालने वाला कोई नहीं है। यदि यह बिल्डिंग गिर जाती है तो फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों की मदद के लिए कौन सामने आएगा यह बहुत बड़ा प्रश्न है।

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