पलवल, (आवाज केसरी) पलवल में अधीक्षण अभियंता कार्यालय के पास बिजली विभाग के कर्मचारियों ने सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। कर्मचारी नेता सुभाष लांबा का कहना है कि विभाग के अधिकारी चीफ सेक्टरी तथा बिजली विभाग के चेयरमैन तथा मुख्यमंत्री के आदेशों का भी पालन नहीं कर रहे हैं। जिसके कारण कर्मचारियों तथा आम जनता को परेशानी से जूझना पड़ रहा है ।
उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार वैसे तो पारदर्शिता की बात करती है लेकिन आज बगैर पर्ची और बगैर खर्ची के कोई भी युवा नौकरी नहीं लग पा रहा है।

सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश महासचिव ने हाल ही में 23 अगस्त को कराई गई पीटीआई अध्यापकों के परीक्षा का हवाला देते हुए कहा कि एक बड़ी साजिश के तहत क्वेश्चन पेपर की आंसर की देकर युवकों को भेजा गया है । जो यह साबित करता है कि सरकार में पारदर्शिता नाम की कोई चीज नहीं है। उन्होंने कहा कि युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है लेकिन कोई भी इस बात को कह कर कि *आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है* बच नहीं सकता। क्योंकि आखिर क्वेश्चन पेपर आउट हुआ है तभी तो आंसर की तैयार करके भी लोग परीक्षा केंद्र तक पहुंचे थे। क्वेश्चन पेपर आउट ही क्यों होने दिया गया ।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के तमाम विधायकों की पर्चियों पर पुराने कर्मचारियों को निकालकर अपने लोगों को एडजस्ट करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पलवल में 3 साल पहले कोई एक बिजली सप्लाई लाईन गाड़ी गई थी जो काम ठेकेदार के आदमीयों ने किया था ।लाइन दबाने के काम को हुए तीन साल हो चुके हैं और अब 3 साल बाद किसी एक खंबे के पास कोई हादसा हो गया है जिस का आरोप 5 कर्मचारियों पर दोष मंढ़कर पांच उनको को सस्पेंड कर दिया गया है । जो सरासर अन्याय है। उन्होंने कहा कि इसी तरह से पलवल में 31 कर्मचारियों को निकालने का नोटिस दिया जा चुका है जबकि उन कर्मचारियों को दूसरे डिवीजन में भेजा जा सकता है। क्योंकि उनके पास 15 और 16 -16 वर्ष का एक्सपीरियंस है जबकि नए आए कर्मचारियों के पास कोई एक्सपीरियंस नहीं है. बिजली का काम कागज से नहीं एक्पिरियंस से होता है ।