पलवल,(आवाज केसरी) गत शुक्रवार बीस अगस्त को जिले में हुई मूसलाधार बारिश के बाद कपास और धान की फसलें बर्बाद होने की कगार पर हैं । चिंतित किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा के तहत आवेदन जमा कराने शुरू कर दिए हैं । प्रधानमन्त्री फसल बीमा योजना के नियमानुसार किसी की प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान होने के 72 घंटे के अंदर मुआवजे के लिए आवेदन करना जरूरी है । 72 घंटे के अंदर आवेदन जमा नहीं किए गए तो खराब हुई फसलों का मुआवजा लेने के हकदार नहीं होंगे ।

कृषि विभाग कार्यालय में दिखाई दे रही किसानों की भीड़ अपनी फसलों के खराब होने की चिंता में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत आवेदन कर रहे हैं । इन किसानों ने बताया की मूसलाधार बारिश के बाद खेतों में कई – कई फुट पानी खड़ा हुआ है । कपास और धान पानी में खड़े हुए हैं । आपको बताया दें पलवल में गत दो दिन लगातार हुई तेज बारिश से खेतों चार फुट तक पानी खड़ा हो गया है जिससे धान तथा कपास की फसलों को भारी नुकसान होने की संभावना बन गई है ।
कृषि विभाग के उपनिदेशक महवीर सिंह के अनुसार जिले में 90 मिलीमीटर बारिश हुई है जिसके कारण कपास की फसल को भारी नुकसान हो सकता है जिसके लिए किसान मुआवजे के लिए आवेदन कर रहे हैं । उन्होंने बताया की यदि किसान पानी के उतरने और फसलों के खराब होने या न होने का इंतजार करते है तो तब तक फसल बीमा योजना के तहत आवेदन करने की 72 घंटे की अवधि पूरी हो जाएगी जिसके बाद आवेदन स्वीकार नही किए जाएंगे । उन्होंने बताया की धान की फसल प्रधानमंत्री फसल बीमा में कवर नहीं होती है । इसलिए यदि धान की फसलों में नुकसान होता है तो उसका किसानों को कोई मुआवजा नहीं मिलेगा । उन्होंने बताया की पलवल जिले में फसल बीमा योजना के तहत अभी तक करीब पंद्रह हजार किसान रजिस्टर्ड हो चुके हैं । उन्हों माना की भारी बारिश के कारण कपास की फसल को नुकसान हो सकता है जो बीमा योजना में कवर होगी लेकिन यदि धान की फसलों को कोई नुकसान होता है तो वह खराबा प्रधानमंत्री किसान फसल बीमा योजना में कवर नहीं होगी ।