पलवल 28 जुलाई (आवाज केसरी) । पलवल एसआरएस सिटी स्थित सेक्टर 6 में आवास बोर्ड हरियाणा द्वारा बनाए गए बीपीएल तथा कम आय वर्ग के फ्लैट्स में रहने वाले लोगों में उस वक्त हड़कंप और हा-हाकार मच गया जब एसआरएस सिटी वेलफेयर एसोसिएशन ने इन फ्लैट्स में रहने वाले लोगों का पानी बंद कर दिया और बिजली काटने की धमकी दे दी । रविवार रात करीब 8:00 बजे पानी सप्लाई की लाइन का वाल्ब बन्द करके बिजली के खम्बों पर लगाई गई स्ट्रीट लाइट भी वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा बन्द करवा दी गई। जबकि इन बीपीएल फ्लैट में रहने वाले आनंद अरुण कुमार आदि तमाम लोग ₹300 प्रति माह का भुगतान मेंटेनेंस के नाम पर एसआरएस सिटी वेलफेयर एसोसिएशन को करते रहे हैं। लेकिन 2 माह पहले जबसे वेलफेयर एसोसिएशन के पूर्व प्रधान राम रतन शर्मा को कुछ लोगों ने दबाव बनाकर उनके पद से हटाकर नई कार्यकारिणी का गठन कर दिया था। वह केवल आठ माह तक ही प्रधान रह पाए थे । मई माह में हुई इस घटना के बाद से मासिक मेंटिनेंस की उगाही नही की जा सकी थी। नई कार्यकारिणी के गठन से पूर्व तत्कालीन प्रधान रामरतन शर्मा तथा पूर्व में रहे आर डब्ल्यू ए प्रधानों पर मनघडंत आरोप लगाकर कहा गया कि एसआरएस सिटी वेलफेयर एसोसिएशन में जमा होने वाले लाखों रुपए के मेंटेनेंस चार्ज में घपले घोटाले किये जा रहे हैं। घपले- घोटालों तथा अकुशल प्रबंधन के आरोप लगाकर आनंद सिंह को प्रधान बना दिया गया। आंनद सिंह चौहान तथा सहयोगी राजेन्द्र आदि की नई कार्यकारिणी ने सबसे पहले बीपीएल फ्लैट्स में रहने वालों को अछूत घोषित करते हुए कुठाराघात कर पानी की सप्लाई बंद करने का काम किया गया।

आपको बता दें हरियाणा प्रदेश की सरकार ने पलवल के सेक्टर 6 स्थित एस आर सिटी में 360 गरीब परिवारों को सस्ती दर पर मकानों की अलॉटमेंट के नाम पर बहुत भारी धोखा और विश्वासघात करने का काम किया है। एसआरएस सिटी में कम आय वाले तथा बीपीएल परिवारों के लिए करीब साढे छह सौ फ्लैट हाउसिंग बोर्ड हरियाणा की मार्फत तैयार कराए गए थे जिनमें से करीब 360 लोगों को ओपन ड्रा के जरिये अलॉटमेंट किया गया था। हाउसिंग बोर्ड हरियाणा ने एलॉटमेंट से पूर्व 60 वर्ग गज क्षेत्र में बनाये गए बहुमंजिला फ्लैट की कीमत साढ़े चार लाख रुपये बताई थी लेकिन जब अलॉटमेंट किया गया तो उनकी कीमत बढ़ाकर करके साढे छह लाख रुपये कर दी गई । जिसके बाद गरीबों के लिए अचानक अतिरिक्त रूप से दो लाख रुपये जुटाना बहुत मुश्किल और कठिन काम था। जिसके कारण लगभग 30 से 40% लोगों के द्वारा अलॉटमेंट होने के बाद भी इन फ्लैट का कब्जा लेने से इनकार कर दिया । गरीब तथा कम आय वाले परिवारों की प्लानिंग से बाहर जब अचानक से ₹200000 अतिरिक्त रूप से देने का संकट सामने खड़ा हुआ तो भुगतान में देरी होना भी स्वाभाविक था। हाउसिंग बोर्ड हरियाणा ने इन गरीबों की मजबूरी को भी नहीं समझा और भुगतान में तेरी करने वालों पर 25% सर चार्ज थोंप दिया। जिसके कारण फ्लैट की कीमत लगभग ₹700000 के आसपास पहुंच चुकी है।

लेकिन इससे बड़ा धोखा इन गरीब परिवारों को देखने को तब मिला जब देखा की गरीबों के लिए बसाई गई इस नई बस्ती में उन्हें सड़कें भी बनी हुई नहीं मिली। पिछले 2 वर्ष से यहां पर लोगों को अलॉटमेंट और कब्जा से देने की प्रक्रिया चल रही है। पचास से साठ परिवार यहाँ रहने भी लगे हैं बावजूद इसके यह कॉलोनी जो सिटी के नाम से जानी जाती है वहां पर लोगों के लिए मूलभूत सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है । सबसे बड़े आश्चर्य की बात है कि इन दो सालों में सैकड़ों लोगों के द्वारा यहां पर निवास बनाए जाने के बाद भी सड़क बनाने का काम नहीं किया गया है।

इस समय पलवल की सबसे असुरक्षित कॉलोनी के रूप में इसकी पहचान बन चुकी है जहां पर लोगों के लिए पीने के लिए पानी की व्यवस्था भी नहीं की गई है। लोगों ने सरकारी कॉलोनी के नाम पर यहां पर मकान लेने की हिम्मत जुटाई थी लेकिन प्रदेश सरकार का द्वारा गरीबों के साथ इससे बड़ा मजाक और क्या होगा कि सैकड़ों लोगों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था भी नहीं की गई है । सरकाररें लोगों के लिए कल्याणकारी योजना बनाने के लिए बनाई जाती है लेकिन हरियाणा प्रदेश की वर्तमान सरकार कल्याणकारी होना तो बहुत दूर की बात है लोगों के लिए प्राणघातक सिद्ध हो रही है। लोगों का कहना है जो सरकार अपने द्वारा बनाई और विकसित की जा रही कॉलोनी में पीने के पानी , सीवेज और सडकों का इंतजाम भी नहीं करा सके वह किस बात की कल्याणकारी सरकार है । करीब साढे 600 परिवारों के लिए बनाई गई इस b.p.l. कॉलोनी में प्रदेश सरकार की तरफ से पीने के पानी और सड़क की व्यवस्था तो की ही नहीं गई है, यहां पर सीवेज का भी निकासी का कोई प्रावधान नहीं किया गया है।

पर्यावरण की दृष्टि से देखा जाए तो करीब 6 एकड़ जमीन में बनाई गई b.p.l. कॉलोनी में एक भी पौधा नहीं रोपा गया है, इससे बड़ा मजाक और क्या हो सकता है। हाउसिंग बोर्ड हरियाणा से मकान लेकर अब लोग खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। यहां मकान लेकर फंस चुके लोग छटपटा रहे हैं। ऊपर से एसआरएस सिटी वेलफेयर एसोसिएशन लोगों ने इन गरीबों को त्रास देने का काम शुरू कर दिया है। अभी तक एसआरएस सिटी स्थित इस b.p.l. कॉलोनी के लोग एसआरएस सिटी वेलफेयर एसोसिएशन को ₹300 प्रति माह मेन्टिनेंस के नाम पर देकर खारा की सही नहाने –धोने के लायक पानी प्राप्त रहे थे लेकिन गत रविवार को एसआरएस सिटी वेलफेयर एसोसिएशन ने इन गरीब लोगों दिए जा रहे पानी की सप्लाई को बंद कर दिया। बाद में पुलिस के हस्तक्षेप के बाद एसोसिएशन वालों ने बीपीएल फ्लैट में रहने वाले लोगों एक सप्ताह की मोहलत देते हुए पानी की सप्लाई को अस्थाई रूप शुरू किया गया । बताया गया कि पानी की व्यवस्था बीपीएल फ्लैट में रहने वाले लोगों के लिए की गई थी। लेकिन उस पर कब्जा एसआरएस सिटी वेलफेयर एसोसिएशन ने कर लिया है। प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन को देखना चाहिए कि किस तरह से बीपीएल फ्लैट में रहने वाले लोगों को जीवन जीने के लिए मूलभूत सुविधांए कैसे दी जाएं। यदि जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार को इन गरीबों के जीवन की सुरक्षा की परवाह नहीं है तो जनकल्याणकारी प्रशाशन और सरकार कहलाने का कोई अधिकार नहीं है। इस समय सबसे बड़े संकट काल में इन गरीब परिवारों के लिए पीने के लिए अच्छे पानी की व्यवस्था करवाना, सीवेज की निकासी तथा सड़कें बनवाने का काम अतिशिघ्र प्राथमिकता के आधार पर होना चाहिए।