पलवल,(आवाज केसरी) । गुरु पूर्णिमा उत्सव के शुभ अवसर पर पंचवटी धाम पर इनर व्हील क्लब पलवल तेजसविनी की ओर से मास्क व सैनिटाईजर वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया । क्लब की अध्यक्ष नमिता तायल ने बताया कि इस पर्व पर अपने गुरु के प्रति आस्था को प्रगट किया जाता है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि पर गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन विधिवत रूप से गुरु पूजन किया जाता है। इसको व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन को चारों वेदों के रचयिता और महाभारत जैसे महाकाव्य की रचना करने वाले वेद व्यास की जयंती के रूप में मनाया जाता है।

तायल ने बताया कि यह त्योहार सबसे शुभ त्योहारों में से एक है। इस दिन शिष्य अपने गुरु का आभार व्यक्त करते हैं। इस त्योहार से जुड़ी कई मान्यताएं इसे विशेष बनाती हैं। एक मान्यता है कि पहली बार इसी दिन आदियोगी भगवान शिव ने सप्तऋषियों को योग का ज्ञान देकर स्वयं को आदि गुरु के रूप में स्थापित किया। यह भी माना जाता है कि महर्षि वेद व्यास का जन्म भी इसी दिन हुआ था। महर्षि व्यास ने चारों वेदों एवं महाभारत की रचना की। इस कारण उनका नाम वेद व्यास भी है। उन्हें आदिगुरु कहा जाता है और उनके सम्मान में गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा नाम से जाना जाता है। एक मान्यता यह है कि इसी दिन महर्षि वेद व्यास ने शिष्यों एवं मुनियों को सबसे पहले श्री भागवत् पुराण का ज्ञान दिया था। आषाढ़ मास की पूर्णिमा पर महर्षि वेदव्यास के शिष्यों ने गुरु पूजा की परंपरा आरंभ की। यह भी माना जाता है कि भगवान बुद्ध ने इस शुभ दिन पर अपना पहला उपदेश दिया था। इसलिए इस तिथि को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन गुरु पूजा का विधान है। गुरु पूर्णिमा से ही वर्षा ऋतु का आरंभ होता है। इस दिन से चार महीने तक साधु-संत एक ही स्थान पर रहकर ज्ञान की गंगा बहाते हैं।
इनर व्हील क्लब पलवल तेजसविनी अध्यक्ष नमिता तायल के साथ क्लब की डायरेक्टर मनीषा मंगला सहित टीम के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे।