जिला विधिक सेवाएँ प्राधिकरण के तत्वावधान में गांव जेंदापुर पलवल में पैनल अधिवक्ता जगत सिंह रावत विशेष कानूनी जागरूकता शिविर के माध्यम से मास्क व सेनिटाइजर वितरण कार्यक्रम का आयोजन द्वारा किया गया ।

शिविर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में पैनल अधिवक्ता जगत सिंह रावत ने भी ग्रामीणों को अपनी ओर से 100 ब्लेक मास्क दैनिक प्रयोग करने वाले व सेनिटाइजर भेंट किये। उन्होंने शिविर के माध्यम से बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं, दिव्यांगों, दुकानदारों, सब्जी वालों, पंचायत प्रतिनिधियों को मास्क व सेनिटाइजर वितरित किए। ग्रामीणों को मास्क व सेनिटाइजर के प्रयोग व इनके महत्व के बारे में जागरूक किया। उन्होंने कोविड – 19 कोरोना महामारी की रोकथाम के उपायों, जारी सरकारी निर्देशों के बारे में जागरूक किया। उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि हमें बार-बार साबुन से हाथ साफ करने, सामाजिक दूरी बनाए रखने, हुक्का सांझा ना करने, ताश ना खेलने, बाहर निकलने पर मास्क का प्रयोग, बच्चे, बुजुर्गों व गर्भवती महिलाओं को चिकित्सीय कारण को छोडकर घर से बाहर निकलने पर पाबंदी, सब्जी, फलों इत्यादि को गर्म नमक के पानी से धोने के बाद प्रयोग, परचून सामान को सेनिटाइज करने, खुले में ना थूकने, गुटखा व धूम्रपान का सेवन ना करने, सब्जी व अन्य आवश्यक सामग्री खरीदने के समय सामजिक दूरी व बच्चों को साथ ना रखने क्योंकि बच्चे इधर-उधर हाथ लगाते हैं जिससे संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा रहता है, आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने, आवश्यक कार्य हेतु ही बाहर निकलने, किसी अनजान व्यक्ति को देखते ही या दूसरे राज्य या विदेश से आने वालों की सूचना प्रशासन को देने, बाजार या कार्यालय से वापस घर आने पर गर्म पानी से नहाने और कपडों को धोने, मोबाइल और गाड़ी की चाबी या चूल्हे के पास सेनिटाइजर का प्रयोग ना करने, अपने गांव, मोहल्ले या कालोनी में किसी भी संक्रमित या बीमार से घृणा या भेदभाव ना करने, अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए सात्विक भोजन, नियमित योगा, गर्म पानी पीना चाहिये, उक्त नियमों और व्यवहार का पालन करने, हम कोरोना के संक्रमण से बच सकते है या कोरोना फैलने की संभावना को रोक सकते हैं. इसके अलावा उन्होंने सरकारी कल्याणकारी योजनाओं व आपात वित्तीय सहायता योजनाओं के बारे में भी जागरूक किया। उन्होंने कहा कि हमें सैनिकों, डॉक्टरों, पुलिस, समाज सेवी संगठनों, आशा वर्कर्स, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की अमूल्य और सराहनीय सेवा के लिए उनका सम्मान करना चाहिए। कोई भी नागरिक शारीरिक, आर्थिक, सामाजिक रूप से राष्ट्र सेवा करके अपना राष्ट्रीय धर्म निभा सकता है, आज जरूरत भी है और हमें करनी भी चाहिए, जो कि हर नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी भी है