पलवल में कोरोना के चलते एक और मौत हो गई, 57 वर्षीय मृतक ब्रिज भूषण आवास बोर्ड कॉलोनी के निवासी थे , जिन्हें पिछले तीन दिन से बुखार था जिसका वह आवास बोर्ड कॉलोनी में ही अपने फैमिली डॉक्टर राज से ईलाज करा रहे थे| वहीं पर ईलाज के दौरान तबियत अचानक बिगड़ जाने पर अलावलपुर गाँव स्थित पीएचसी में ईलाज के लिए ले जाया गया था | वहीं पर उनका कोविड 19 रेपिड टेस्ट पॉजिटिव पाए जाने पर मौत हो गई |
पलवल की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में कोविड 19 के कारण दूसरी तथा पलवल में 13 मौत हुई है | जिस प्रकार पलवल की सबसे पहली मौत भी हाउसिंग बोर्ड कालोनी निवासी यशपाल की हुई थी और अभी तक आखरी मौत भी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी ( ब्रिज भूषण) के रूप में हुई है | हालांकि जिले और हाउसिंह बोर्ड कॉलोनी की सबसे पहली मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाये गये थे वहीं अब लोगों में चर्चा है की यह मौत अकुशल डॉक्टर से ईलाज कराने के कारण हुई है | हालांकि कुछ का कहना है की इनकी मौत कोरोना की दहशत के कारण हुई है | बहरहाल यह बाद में जाँच और रिसर्च का एक मुद्दा हो सकता है |

पलवल की हाउसिंह बोर्ड कॉलोनी में कोरोना के चलते एक और मौत हो जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग की चूक सामने आई है | यहाँ पर मृतक का पिछले तीन दिन से एक अकुशल डॉक्टर द्वारा ईलाज किया जा रहा था जो मृतक का फॅमिली डॉक्टर बताया जा रहा है | मृतक ब्रिज भूषण खंडेलवाल के दाह संस्कार के समय भी नूंह रोड स्थित कस्बा मोहल्ला के श्मशानघाट पर अंतिम संस्कार किया गया यहाँ नगर परिषद के कर्मचारियों के द्वारा पुलिस बल एवं प्रशाशनिक अधिकारी की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया | उस समय मृतक का बेटा भी मौजूद रहा | कुछ समय तो यहाँ श्मशानघाट पर रहने वाले बाबा बालकनाथ ने दाह संस्कार की क्रिया का विरोध किया लेकिन पुलिस बल की सख्ती और प्रशाशनिक अधिकारीयों के द्वारा पहल किये जाने पर बाबा मन गये और वहीं पर दाह संस्कार कर दिया गया | लेकिन में चर्चा यही है की मृतक ब्रिज भूषण की मौत केवल कोरोना की दहशत के कारण हुई है | और यदि दहशत से मौत ना होकर कोरोना के मौत है तो जिस डॉक्टर ने तीन दिन तक ईलाज किया ड्रिप भी चडाई तो उसने मृतक का कोविड 19 टेस्ट क्यों नहीं कराया ?