पलवल (गुरुदत्त गर्ग)। यमुना बचाओ अभियान के संयोजक डॉ शिवसिंह रावत ने गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस पर यमुना बचाओ पदयात्रा (वॉक फ़ोर यमुना) का शुभारंभ फ़रीदाबाद दिल्ली बॉर्डर स्थित महावतपुर गाँव से विधिवत रूप से यमुना पर हवन करके किया। धर्म एवं मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले सिखों के नौवें गुरु, ‘हिंद की चादर’ गुरु तेग बहादुर जी का आज शहीदी दिवस है। सबसे पहले यमुना पर हवन किया तथा यमुना आरती की। फिर यमुना नदी के किनारे पर पौधारोपण किया गया।

डॉ शिवसिंह रावत ने कहा कि आज यमुना का पानी ज़हरीला हो गया है। जिससे तरह-तरह की बीमारियाँ फैल रही हैं। इसलिए यमुना नदी को बचाने के लिए जन जागरण अभियान चलाया गया है। जल जंगल ज़मीन जीव जन्तु जीवन जलवायु को बचाने के लिए सभी का सहयोग ज़रूरी है ।
यात्रा का महावतपुर गाँव के सरपंच रवि चौहान एवं समस्त सरदारी ने स्वागत किया। सरपंच ने कहा कि उनके गाँव के आसपास के गाँवों में यमुना नदी केवल गंदा नाला बन कर बह रही है। यह पानी खेती के लिए नुक़सानदायक है।गाँव के लोगों ने डा॰ रावत की पहल की सराहना की।बाद में यात्रा राजपुर कलाँ , सिडाक ,ताजपुर, अमीरपुर कबूलपुर, चीरसी गाँवों से होती हुई मंझावली में पहुँची। गाँव अमीपुर में सुभाष सरपंच ,छत्तर पाल चैयरमेन, संदीप पार्षद एवं समस्त सरदारी ने यात्रा का गर्मजोशी से स्वागत किया और पूरा सहयोग का आश्वासन दिया। यात्रा में मानव रचना यूनिवर्सिटी के जल संसाधन विभाग से प्रो॰ मुखर्जी एवं उनकी अटल भूजल योजना की पूरी टीम यमुना यात्रा में शामिल रहे ।

यमुना बचाओ अभियान केबीसी संस्था पलवल द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस अभियान को पर्यावरण संरक्षण गतिविधि तथा हमारा परिवार (एसजेएम) के मार्ग दर्शन में किया जा रहा है
केबीसी संस्था के प्रधान ने बताया कल यात्रा मंझाावली से शुरू होगी और घरौडा दलेल गढ़ चाँदपुर शाहजहाँ पुर फज्जूपुर अरुआ होकर मोठूका में रूकेगी ।
यात्रा में महावतपुर से रवि चौहान सरपंच ,प्यारे लाल ,हरि गौतम ,राम क़िसन अंकित ,गौरव ;राजपुर कला से जितेंद्र सरपंच महेश चौहान ; सिडोला से अजीत सरपंच ; अमीपुर से सुभाष सरपंच , छत्तर पाल चैयरमेन ; क़बूलपुर से अरूण खारी; चिरसी से प्रीति सरपंच, महावीर समस्त सरदारी एवं केबीसी संस्था के हुक्म सिंह, विक्रम एडवोकेट, मास्टर सुमेर सिंह, अजीत, वन्दना रावत, सुमन रावत , रवि रावत , अजय रावत अभय रावत अंकुश रावत रविन्द्र एवं हेमराज मुख्य रूप से यात्रा में शामिल रहे।