पलवल के जनोली गांव से मणिपुर में एमएससी करने गई छात्रा शिवानी आखिरकार डर को पीछे छोड़ कर अपने घर वापस लौट आई है। यहां जनोली गांव में पहुंचने पर परिवार ने जहां राहत की सांस ली है। वहीं छात्रा शिवानी भी अपने घर पहुंचकर काफी खुश है।
शिवानी कैमिस्ट्री में एमएससी फर्स्ट ईयर की छात्रा है। जिसका अगस्त में सेकेंड सेमेस्टर का एग्जाम होना था। तीन मई 2023 को मणिपुर की राजधानी इम्फाल में शाम तीन बजे फ़र्फ्यू लगा दिया गया। उसके बाद ट्रांसपोर्टेशन की समस्या खड़ी होने के बाद राशन और पानी की समस्या होने लगी। अब उन्हें भर पेट खाना भी नहीं मिल रहा था। दिन भर केवल बोतल पानी पीने को दिया जा रहा था। नेशनल इंस्टिट्यूट से मात्र 500 मीटर की दूरी पर लगातार आगजनी बम्बारमेंट और गोलियों की आवाजें आ रही थी । शिवानी के सीनियर जो नेशनल इंस्टिट्यूट के हॉस्टल से बाहर इंटीरियर में कमरा किराए पर लेकर रह रहे थे। उन लोगों को अपने आसपास से लगातार लोगों की चीखने चिल्लाने की आवाज आ रही थी। शिवानी का कहना है कि उन्हें नेशनल इंस्टिट्यूट के अंदर कोई डर नहीं था लेकिन उनके जो सीनियर्स हॉस्टल से बाहर रह रहे थे वह और भी ज्यादा डरे हुए थे क्योंकि नेशनल इंस्टिट्यूट के अंदर सीआरपीएफ की पूरी सुरक्षा थी। हालांकि पूरे मणिपुर में ही केंद्र सरकार ने बड़ी संख्या में फोर्स वहां पर भिजवा दी थी लेकिन फिर भी हालत काफी खराब थी और दिन प्रति दिन उनका डर बढ़ता ही जा रहा था। शिवानी ने बताया जैसे जैसे हालत बिगड़ने लगे पूर्वोत्तर राज्यों के बच्चों को वहां की सरकारों ने रेस्क्यू कर लिया था/ बुला लिया था। उसके बाद शिवानी और उनके सीनियर्स ने प्रदेश सरकार से वहां से निकालने की करने की गुहार लगाई थी। क्योंकि तमाम फ्लाइटें बन्द की जा चुकी थी। इसलिए स्पेशल कमर्शियल फ्लाइट की व्यवस्था हरियाणा सरकार के द्वारा की गई थी जिसमें हरियाणा के इन 5 छात्र छात्राओं को पहले इंफाल से अगरतला और अगरतला से फिर कोलकाता और फिर कोलकाता से दिल्ली लाया गया। बताया रात को शिवानी की मम्मी शिक्षा और पापा बिजेन्द्र सिंह तेवतिया उर्फ बबलू दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच गए थे। रात साढ़े ग्यारह बजे विशेष एरोप्लेन में लेंड किया था। उसके पास एयरपोर्ट से निकलने में करीब एक घंटा का लग गया था और करीब 3:30 बजे सुबह जनोली गांव स्थित अपने घर पर पहुंच गए थे। घर पर देर रात तक सभी लोग इंतजार कर रहे थे बेटी के आने के बाद एक घण्टा कुशलक्षेम जानने में लग गया। उसके बाद मुश्किल से दो घण्टे सो पाए होंगे। दिन निकलते ही गांव के पड़ौसियों ने घर पर आना शुरू कर दिया। शिवानी को सकुशल देख कर गांव के सभी लोग काफी खुश हैं।जो पिछले चार पांच दिनों से शिवानी की सलामती के लिए चिंतित थे। प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री मनोहरलाल का आभार जता रहे हैं।
शिवानी ने बताया मणिपुर स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पूर्वोत्तर की सरकारों ने अपने बच्चों को कई दिन पहले ही रेस्क्यू कर लिया था उसके बाद हरियाणा शिवानी और उसके साथियों ने हरियाणा सरकार से वहां से निकाले जाने के लिए प्रयास शुरू किए और आखिरकार बीती रात उन्हें प्रसन्न किया गया आज तड़के 3:30 बजे उन्होंने दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड किया और करीब 6:00 बजे जनोली गांव स्थित अपने घर पलवल पहुंच गई। शिवानी और उसके परिवार जन ने प्रदेश सरकार के इस प्रयास के लिए और उनकी बेटी को सकुशल रेस्क्यू करने के लिए आभार जताया है।