पलवल। धतीर गांव के केआर स्कूल में आर्य समाज के बैनर तले 11 कुण्डीय हवन का आयोजन किया गया। यज्ञ पर मुख्य यजमान की भूमिका डॉ महेश आर्य व उनकी पत्नी सुजाता आर्या ने निभाई। बाकी 10 कुंडो पर यजमान सरजीत बाल्मीकि, मास्टर कुमारपाल, रघु डागर, कन्हैया शर्मा, महेश, शेखर पहलवान, मनोज सेक्रेटरी, धर्मेंद्र शर्मा, महेश कुमार, नवीन पंवार, तिलक वैष्णव, संदीप रहे। मंच पर महाशय राधेलाल, सुखदेव, रामरतन, चेयरमैन नरेश, डॉ यदवीर, महाशय नत्थी, मास्टर नरोत्तम, मास्टर सुन्दर, मास्टर योगेश आर्य, मंजीत आर्य, रामवीर, संस्वीर, परमवीर, चंचल, सतपाल भजनी, अज्जू डागर व 150 धर्मप्रेमी उपस्थित रहें। महाशय राधेलाल ने अपने वकतव्य में कहा कि विक्रमी संवत् 2078 चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तदनुसार 13 अप्रैल सन् 2021 को नववर्ष का शुभारंभ होता। सृष्टि के आरंभ में परमात्मा ने प्राणी मात्र की सुख समृद्धि के लिए पूर्ण यौवन वाली, पूर्ण समृद्ध विकसित प्रकृति प्रदान की थी। इस समय प्रकृति का सौंदर्य अनूठा है| आकाश पूर्ण तरह प्रकाश युक्त है। सूर्य का प्रकाश भी सुहावना है, वृक्ष लताएं सब पल्लवित पुष्पित हैं। बगीचे एवं खेत खलियान लहरा रहे हैं, वायु भी सुहावनी एवं सुगंधित है। सब कुछ नया नया है। कोयल अपनी कुहू से नए वर्ष का संदेश दे रही हो, यही ईश्वर प्रदत नव वर्ष है। इस दिन मानव सृष्टि का आरंभ हुआ था, जिसे 1,96,08,53,122 वर्ष हो चुके हैं| होली पर्व के 15 दिन बाद चैत्र मास की प्रतिपदा को ही नव वर्ष मनाना जाता है। हवन पर आये सभी का धन्यवाद पूर्व सरपंच व पूर्व जिलाध्यक्ष गिर्राज सिंह डागर ने किया। उन्होंने कहा कि गुलामी के कलंक एक जनवरी को नववर्ष न मनाकर 13 अप्रैल को खुशियों के साथ मस्ती के साथ सबसे मिल जुल कर नववर्ष मनाना चाहिए।
नववर्ष के प्रारम्भ पर 11 कुण्डीय हवन यज्ञ किया
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