पलवल। एमवीएन विश्वविद्यालय पलवल में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन मान्यता एवं अनुसंधान, नवाचार और विस्तार विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ जे वी देसाई ने एवं कुलसचिव डॉ राजीव रतन ने बताया कि मूल्यांकन एवं प्रत्यायन को मूलतः किसी भी शैक्षिक संस्था की गुणवत्ता की स्थिति को जानने के लिया किया जाता है। कार्यशाला के मुख्य वक्ता आईटीएम विश्वविद्यालय ग्वालियर के शोध एवं विकास संकाय अध्यक्ष डॉ श्याम श्याम अकाशे और कृषि विभाग के डॉ मयंक चतुर्वेदी ने अनुसंधान, नवाचार और विस्तार का महत्व और राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन मान्यता प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि किसी भी शैक्षणिक संस्थान की गुणवत्ता के आकलन मानदंड के लिए शैक्षिक प्रक्रियाओं में बुनियादी सुविधाएँ तथा संसाधनों की स्थिति, संस्था का प्रदर्शन, पाठ्यक्रम चयन एवं कार्यान्वयन, शिक्षण अधिगम एवं मूल्यांकन तथा छात्रों के परिणाम, संकाय सदस्यों का अनुसंधान कार्य एवं प्रकाशन, संस्था द्वारा अनुसंधान के लिए उपलब्ध सुविधाएँ व प्रोत्साहन, प्रशासन व्यवस्था, आर्थिक स्थिति तथा छात्र सेवा आदि का आकलन किया जाता हैI आइक्यूएसी कोऑर्डिनेटर डॉ मुकेश सैनी ने बताया कि नैक मूल्यांकन निर्धारित करता है कि शैक्षिक संस्था एवं विश्वविद्यालय में प्रमाणन एजेंसी के द्वारा निर्धारित गुणवत्ता के मानकों को किस स्तर तक पूरा किया जा रहा है। कार्यक्रम के अंत में शोध एवं शैक्षणिक संकाय अध्यक्ष डॉ सचिन गुप्ता ने सेमिनार के सफल आयोजन के लिए सबको धन्यवाद दिया।
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एमवीएन विश्वविद्यालय पलवल में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन मान्यता एवं अनुसंधान, नवाचार और विस्तार विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन
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